स्पैरो सोफ्टेक कंपनी एवं नप बक्सर के खिलाफ हाइकोर्ट में रिट याचिका दाखिल
पूर्व से विवादित कंपनी ने नगर परिषद बक्सर की सांठ-गांठ से सरकारी राशि गबन का आरोप, सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह ने किया याचिका दाखिल




न्यूज विजन। बक्सर
बक्सर नगर परिषद मे टैक्स वसूली के लिए पूर्व से विवादित कंपनी स्पैरो सोफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के पांच वर्ष के एग्रीमेंट को नप पदाधिकारी द्वारा महज दो वर्षों में रद्द कर दिया है। वहीं इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आकाश कुमार सिंह उर्फ रामजी सिंह ने स्पैरो सोफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एवं नगर परिषद की सांठ-गांठ से सरकारी राशि गबन करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल किया है।








इस सम्बन्ध में रामजी सिंह ने बताया कि नगर परिषद, बक्सर होल्डिंग टैक्स वसूलने वाली स्पैरो सोफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ सांठ-गांठ कर जनता के पैसे को लूट रही है। लाखों की राशि के हेर-फेर को छुपाने के लिए आनन- फानन में नप के वर्तमान अधिकारी व बोर्ड ने स्पैरो कंपनी के एकरारनामा को रद्द कर दिया गया और नई कंपनी से एग्रीमेंट कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आखिर क्या गड़बड़ी हुई कि पांच वर्ष के एग्रीमेंट को दो वर्ष में ही रद्द कर दिया गया। अगर कंपनी कोई गड़बड़ी की है तो विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं की गई।




उन्होंने बताया कि स्पैरो कंपनी से एग्रीमेंट हुआ तो उस समय 8.5 लाख रुपए साफ्टवेयर तैयार करने के लिए दिया गया, ताकि कर वसूली का कार्य इसी एप्लिकेशन से किया जा सके। वहीं नई कंपनी को फिर से साफ्टवेयर तैयार करने के लिए देने की जानकारी मिल रही है। एक ही काम के लिए दो-दो बार पेमेंट करना सरकारी राशि का दुरुपयोग है। उन्होंने बताया कि विभाग का आदेश है कि 4% कमिशन पर टैक्स वसूली करना है, जबकि स्पैरो कंपनी को 9.8% पर रखा गया है। स्पैरो कंपनी की गलतियों को विभाग के समक्ष रखने के लिए मेरे द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा था। यही वजह है कि व्याप्त भ्रष्टाचार लिपापोती करने एवं जांच से बचने के लिए इस कंपनी का एग्रीमेंट रद्द कर दूसरे कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर लिया गया है। स्पैरो कंपनी के पास साफ्टवेयर के रूप में 8.3 लाख की संपत्ति और सभी डाटा है, जिसे प्राप्त करने के लिए नप की ओर से कोई कोशिश नहीं की गई। वहीं कंपनी द्वारा मनमाने तरीके से टैक्स वसूली किया है, जिसमें विभाग द्वारा वर्ष 2013 से वर्गफिट का टैक्स वसूलने का निर्देश जारी किया था लेकिन कंपनी द्वारा मनमाने ढंग से 20, 30 वर्ष पुराना बकाया भी वर्गफिट के हिसाब से काटा गया है। जिसका कई बार लोगों ने विरोध भी किया था ।इन्हीं सब अनियमितता को लेकर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर किया गया है।

