CRIME

एक वर्ष से दरोगा बनी प्रियंका के प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही प्रियंका मामले में नियोजन इकाई सवालों के घेरे में 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

शिक्षक से दरोगा बनी प्रियंका के बीएड व टीईटी के मूल प्रमाण पत्र हासिल कर एक वर्ष से जिले में नौकरी कर रही प्रियंका का भंडा फुट गया है। जब दरोगा बनी प्रियंका अपने मूल प्रमाण पत्र लेने पहुंची तो नियोजन इकाई से प्रमाण पत्र गायब मिला। नियोजन इकाई से गायब प्रमाण पत्र शिक्षा विभाग को सवालों के घेरे में लेता है।

 

 

गठित जाँच टीम द्वारा बुलाये जाने पर बुधवार को नहीं  पहुंची नेनुआ विद्यालय की प्रियंका 

वही बुधवार को पुरे जिला में चर्चा का विषय बना रहा, शिक्षा विभाग में ब्रह्मपुर के महेंद्र सिंह की पुत्री दरोगा प्रियंका के नाम पर फर्जी नौकरी करने वाली प्रियंका का मामला सामने आने के बाद शिक्षा जगत में हलचल मच गई है। थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद डीईओ ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जो मामले की जांच करने में जुट गई है। ज्ञात हो कि इस मामले में नियोजन इकाई के अधिकारी एवं कर्मियों पर भी सवाल उठने लगे है। जिसकी जांच के बाद ही मामला साफ हो पाएगा। एक वर्ष से डुमराव के नेनुआ में बहाल शिक्षिका को सभी प्रमाण पत्रों के साथ बुधवार को बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंची। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी शिक्षिका बनकर नौकरी कर रही प्रियंका रोहतास जिले के मेदनीपुर पंचायत अंतर्गत पोंगाढी गांव निवासी बताई गई है।

 

मेरा बीएड और टीईटी का प्रमाण पत्र नियोजन इकाई से मिल गायब कर डुप्लीकेट बनवाया गया है : प्रियंका (एस आई)

 

कांट निवासी प्रियंका ने बताया की मेरा बिहार पुलिस में एसआई का सेलेक्शन वर्ष 2019 में हुआ था लेकिन वेटिंग समय चल रहा था। इसी दौरान शिक्षा विभाग में टीईटी क़्वालीफाई करने  पश्चात काउंसलिंग के दौरान 9 अगस्त 2021 को एमपी हाई  स्कूल में कागजात जमा करने के पश्चात शिक्षिका के रूप में चयन हो गया। जिसके बाद 2022 में दरोगा का भी ज्वाइनिंग आ गया था तो हमने दरोगा की नौकरी ज्वाईन कर लिया था। इस बीच विभाग को उसने अन्यत्र नौकरी में चयन होने की जानकारी देकर शिक्षिका की नौकरी छोड दी थी। इसी बीच पोंगाढी की प्रियंका ने मेरा सभी प्रमाण पत्रों का नियोजन इकाई से मिलकर प्रमाण पत्र हथिया कर फर्जी प्रमाण पत्रों पर शिक्षिका बन गई। इस बीच  दरोगा प्रियंका द्धारा अपने प्रमाण पत्राें के विभाग से मांग करने पर नहीं मिली तो हमने नगर  थानें में एफआईआर दर्ज करा दिया है। जिसके बाद मामला खुलकर सामने आ गया है। वहीं मामले की जांच को लेकर तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।

नियोजन इकाई पर उठने लगा सवाल

शिक्षा विभाग में जिस मूल प्रमाण पत्रों की प्राप्ति के लिए दरोगा प्रियंका के पिता कई बार दौड लगाये तो नियोजन इकाई की कर्मियों ने उन्हें बरगला दिया। अंतत: नियोजन इकाई की कर्मियों ने पिता से प्रियंका के आने की बात कहकर टाल दिया। वहीं जब राजगीर से प्रियंका ट्रेनिंग समाप्ति के बाद छुट्टी लेकर प्रमाण पत्रों के लिए बक्सर पहुंची तो विभाग ने प्रमाण पत्र देने में आना कानी करने लगा। अंतत: नियोजन इकाई द्धारा उनके नाम पर दूसरी प्रियंका के नौकरी करने की बात कही गई। विभाग की कार्यशैली से आजिज आकर दरोगा प्रियंका ने नगर थाने में मामला दर्ज करा दिया है। वहीं जिस मूल प्रमाण पत्रों को दरोगा प्रियंका के पिता को नहीं दिया गया। वह प्रमाण पत्र फर्जी शिक्षिका बनी प्रियंका के पास कैसे पहुंचा। यह बात नियोजन इकाई की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खडा कर दिया है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग उठने लगी है। ज्ञात हो कि जिले के कांट निवासी दरोगा प्रियंका 9 अगस्त 2021 में प्रखंड शिक्षिका के पद पर चयन को लेकर एमपी उच्च विद्यालय में काउंसिलिंग के क्रम में अपना प्रमाण पत्र जमा किया था। फिलहाल प्रियंका सिवान जिला के महराजगंज थाना में पदस्थापित है।

तीन सदस्यीय टीम जाँच कर रही है, मामला सत्य पाए जाने पर कार्यवाई की जाएगी : डीईओ 

इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल  दिवेदी ने बताया की इस मामले को लेकर तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। जिसमें माध्यमिक शिक्षा डीपीओ रजनीश उपाध्याय,  एमडीएम डीपीओ नाजिश अली, लेखा डीपीओ विष्णुकांत राय की टीम बनाई गई है। जो प्रियंका के मामले की जांच करेंगे।  जांच मे जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर  कारवाई  की  जाएगी। यदि जांच में फर्जी पाई जाती है तो कानूनी कारवाई के साथ ही वेतन के रूप में प्राप्त की गई राशि की वसूली भी संंबंधित शिक्षिका से की जाएगी।

 

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