सदर व अनुमंडल अस्पताल डुमरांव में दलालों की सक्रियता से नाराज डीएम ने वरीय पदाधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
सदर व अनुमंडल अस्पताल डुमरांव की कुव्यवस्था बन सकता है लोकसभा चुनाव में मुद्दा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के सदर अस्पताल एवं अनुमंडल अस्पताल डुमरांव में भारी कुव्यवस्था से नाराज डीएम अंशुल अग्रवाल ने असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं डीपीएम को पत्र जारी करते हुए शीघ्र ही स्पष्टीकरण की मांग की है। डीएम द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि सदर अस्पताल बक्सर एवं अनुमंडल अस्पताल डुमरांव में रोस्टर के अनुसार चिकित्सक कभी भी समय पर मौजूद नहीं रहते हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर की प्रतिनियुक्ति कम होने से रोगियों की अत्यधिक भींड़ हो जाने से समय पर निबंधन नहीं होता है। जिससे कई रोगी वापस लौटकर घर चले जाते हैं।











डीएम द्वारा जारी पत्र में कहा गया है की अस्पतालों में दलालों की काफी सक्रियता हो जाने से आम जनों को इसका भरपूर लाभ नहीं मिल रहा है। जब कोई चिकित्सक किसी मरीज को एक्स रे, ब्लड एवं अन्य जांच के लिए लिखते हैं तो दलाल वहीं से इन मरीजों के पीछे लग जाते हैं। जो इसे भ्रमित कर निजी जांच घर में ले जाकर अधिक धनराशि की वसूली करते हैं। ऐसे में वह मरीज ठगी का शिकार हो जाता है। इस तरह की लगातार शिकायत मिलने से उन्होंने विभाग की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जिसमें यह खुलासा हुआ है। जिसको लेकर पिछले एक अप्रैल को समीक्षा बैठक भी की गई थी। जिस बैठक में समस्याओं को बिंदुवार रखा गया था और निराकरण करने के लिए निर्देश दिया गया था। बावजूद अभी तक कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गई और नहीं इससे संबंधित कोई कार्रवाई की गई। जिसे लेकर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे में जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है.जिले के इन दो महत्वपूर्ण अस्पताल में आए हुए लोगों को जो कठिनाई का सामना करना पड़ता है इससे आमजन मानस को काफी परेशानी हो रही है। कुछ ही दिन में आगामी एक जून को लोकसभा का चुनाव भी होना है। जिसके लिए सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं जो कभी भी अस्पताल की कुव्यवस्थाओं को अपना चुनावी मुद्दा बना सकते हैं। साथ ही यह भी जांच में पता चला है कि कई रोग विशेषज्ञ चिकित्सक जिनकी ड्यूटी 8 घंटे हैं। वह रोस्टर के अनुसार अस्पताल में समय नहीं देते हैं। जिससे रोगियों एवं परिजनों के बीच आक्रोश है। जिसको लेकर इन्होंने पत्र जारी करते हुए दो दिनों के अंदर कुव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए पत्र जारी किया है। अन्यथा कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

