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श्री राम की खड़ाऊं सिर पर रखकर अयोध्या लौटे भरत जी: बैकुंठनाथ जी महाराज

लाल बाबा आश्रम में चल रही श्री राम कथा में जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़ भरत

न्यूज विजन। बक्सर

लाल बाबा आश्रम सती घाट बक्सर में आश्रम के महंत श्री सुरेंद्र जी महाराज के सानिध्य में चल रही श्री राम कथा के सातवें दिन लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज जी के कृपा पात्र जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी बैकुंठ नाथ जी महाराज पीठाधीश्वर माया मधुसूदन धाम ने प्रभु श्रीराम और अनुज भरत जी के प्रेम का वर्णन किए।

महाराज ने बताया की भाई हो तो भरत जैसा, राम भक्त। यहां राम भक्त से मतलब भरत से है, जो अपने बड़े भाई राम के प्रति अत्यंत समर्पित थे। उन्होंने कहा कि भरत जब भैया राम व लक्ष्मण के माता सहित वनवास व पिता दशरथ के मरण का समाचार पाते हैं तो वह दुखी हो जाते हैं।

 

 

 

वे गुरू वशिष्ठ से कहते हैं कि गुरुवर मुझे राज्य नहीं चाहिए। मेरा कल्याण तो भैया राम की चाकरी में है। भरत-शत्रुहन भगवान श्रीराम को मनाने के लिए निकलते हैं। एक भील आता है और भरत जी के सेना के साथ आने की जानकारी देता है। इस पर लक्ष्मण को संशय होता है, राम उन्हें समझाते हैं। इस बीच भरत पहुंचते हैं और भगवान श्रीराम को देखते ही उनसे लिपट जाते हैं। भरत, गुरुदेव समेत सभी सभी भगवान राम को मनाने की कोशिश करते हैं। अंत में भगवान राम गुरुदेव से उपाय पूछते हैं। तब वशिष्ठ कहते हैं कि आप अपनी चरणपादुका भरत को सौंप दें। जिन्हें राजगद्दी पर रखकर भरत लाल राज करेंगे। भरतजी श्रीराम की चरणपादुका माथे पर लगाते हैं और अयोध्या लौट आते हैं।

 

 

श्री राम कथा में सभी भक्तों ने कथा सुनकर सुमिरन किया। मौके पर बाबा घनश्‍याम दास जी महाराज, श्री विंध्याचल दास जी, हनुमान गढ़ी अयोध्‍या के पुजारी श्री ब्रजेश जी महाराज, श्री ओमप्रकाश जी महाराज मौजूद थे। मौके पर युवा जदयु प्रदेश महासचिव आजाद सिंह राठौर, नीरज सिंह, झूना पांडेय, पुना बाबा, दुर्गेश पांडेय, अधिवक्ता प्रहलाद, मनोज वर्मा, संतोष गुप्ता, बब्लू तिवारी, अनिरुद्ध तिवारी, विनोद जयसवाल, संतोष शर्मा, सुरेंद्र वर्मा, सिद्धनाथ तिवारी, नरेंद्र वर्मा, आकाश जयसवाल, कमलेश यादव, महेश जयसवाल, आरती गुप्ता समेत काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा

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