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शारीरिक और मानसिक तौर पर किशोरियों को मजबूत बनाने से ही संभव होगा महिला सशक्तिकरण – वर्षा पाण्डेय 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

किशोरी छात्राओं को स्कूली शिक्षा के साथ साथ उनके स्वास्थ्य संबंधित शिक्षा देना अनिवार्य है, आज के समय में हज़ारों पिसीओएस, पिसीओडी, सर्वाइकल कैंसर, यूरिन इफेक्शन जैसी खतरनाक बीमारियां सिर्फ़ इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय रहते इन बिमारियों से बचने का उपाय नहीं बताया जाता।

शुक्रवार को भूमिहार ब्राह्मण हाई स्कूल एवं एम पी हाई स्कूल में लाइफ कोच एवं सोशल एक्टविस्ट वर्षा पाण्डेय द्वारा किशोरी छात्राओं को मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर चर्चा कि गयी एवं उसका प्राकृतिक निदान भी बताया गया। उन्होंने बताया कि महिलाओं में मासिक धर्म एक समान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है। लेकिन समाजिक सोच संकुचित होने से इस विषय को लज्जा का विषय बना दिया गया है। जो महिलाओं के लिए घातक साबित हो रहा है। अज्ञानता चुप्पी और सुविधाओं के कमी के परिणामस्वरूप इंफेक्शन, शारीरिक परेशानियों और मानसिक तनाव का लड़कियों और महिलाओं को सामना करना पड़ता है। जिससे उनकी आत्मविश्वास और कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है। ऐसे में उन्हें एक अनुकूल और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की आवश्यकता है जो महिलाओं और लड़कियों की मूलभूत स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करे ताकि उनकी कार्य एवं सामान्य स्कूली शिक्षा की नियमितता में बाधा ना हो।

कार्यक्रम के दौरान योग और स्वास प्रकियाओं और ध्यान के द्वारा प्राकृतिक ढंग से मानसिक एवं शारीरिक समस्याओं के निदान के कई टेक्निक बच्चियों को बताये गये। इस कार्यक्रम में शामिल  होकर बच्चियाँ सकरात्मक महसूस कर रहीं थी, ज़िलें के सभी महिलाओं तक पहुँचने के उदेश्य से चल रहा यह प्रोजेक्ट पवित्रा कार्यक्रम सफल साबित हो रहा। कार्यक्रम में श्यामला पाठक, वंदना वैभव, पुष्पा सिंह, मंजु तिवारी, शोभा चौबे एवं सैकड़ों छात्राएँ एवं शिक्षिकाऐं उपस्थिति रहीं।

 

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