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प्रेमचंद की रचनाएँ हिंदी साहित्य की धरोहर है : डॉ चंदेश्वर

डॉ के. के. मंडल महिला महाविद्यालय में मनई गयी मुंशी प्रेमचंद की जयंती 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

बुधवार को शहर के नया बाजार स्थित डॉक्टर के.के. मंडल महिला महाविद्यालय के सभागार में महान लेखक एवं अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य के सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। जयंती समारोह की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य अनिल कुमार ने की एवं संचालन हिंदी विभाग के सेवानिवृत्ति विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रामाधार सिंह ने किया।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ चंदेश्वर नारायण सिंह ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदानों पर विधिवत प्रकाश डालते हुए कहा की प्रेमचंद को हिंदी और उर्दू के महानतम लेखकों में शुमार किया जाता है।  प्रेमचंद की रचनाओं को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद चट्टोपध्याय ने उन्हें ‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि दी थी। प्रेमचंद ने कहानी और उपन्यास में एक नयी परम्परा की शुरुआत की जिसने आनेवाली पीढियों के साहित्यकारों का मार्गदर्शन किया। प्रेमचंद ने साहित्य में यथार्थवाद की नींव रखी।  प्रेमचंद की रचनाएँ हिंदी साहित्य की धरोहर है। उक्त कार्यक्रम में डॉक्टर परमहंस सिंह, प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह यादव, प्रोफेसर अवधेश सिंह, प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह, सूर्यनारायण सिंह, प्रोफेसर पंकज कुमार, प्रोफेसर रवि रंजन,  प्रो. इंद्रमणि लाल, प्रो. लक्ष्मण सिंह, प्रो. प्रेमावती कुमारी, प्रो. मिनाती,  प्रो. अल्पना वर्मा, प्रो. मनोरमा, काजल, गुरुदयाल सिंह एवं छात्राओं में साक्षी सिंह, अंजली कुमारी, माही सिंह आदि ने प्रेमचंद के जीवनी के बारे में अपने विचारों को रखा।

 

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