पत्रकार पर एफआईआर करना सत्ता के दुरुपयोग और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने की सोची-समझी साजिश है : संजय तिवारी
अजीत अंजुम जैसे निष्पक्ष और साहसी पत्रकार ने हमेशा जनता के हित में अपनी कलम चलाई है




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार में वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ दायर किया गया मुकदमा न केवल उनकी स्वतंत्र आवाज को दबाने का प्रयास है बातें सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ़ मुन्ना तिवारी ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर प्रहार है। यह मुकदमा सत्ता के दुरुपयोग और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने की सोची-समझी साजिश का प्रतीक है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने, असहमति जताने और सत्य को उजागर करने का अधिकार है।








श्री तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता इस अधिकार की रीढ़ है। यह समाज में व्याप्त अन्याय, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग को बेनकाब करती है। अजीत अंजुम जैसे निष्पक्ष और साहसी पत्रकार ने हमेशा जनता के हित में अपनी कलम चलाई है। उनके खिलाफ यह मुकदमा न केवल व्यक्तिगत हमला है, बल्कि यह समूचे पत्रकारिता जगत और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आघात है। बिहार की सरकार द्वारा सत्ता के बल पर कलम को कुंद करने की यह कोशिश निंदनीय और अस्वीकार्य है। सत्ता का काम जनता की आवाज को सुनना और उसका सम्मान करना है, न कि उसे दबाना। असहमतियों का सम्मान और विभिन्न विचारों को स्थान देना ही लोकतंत्र है। लेकिन, यह मुकदमा इस आत्मा को कुचलने का प्रयास है, जो बिहार के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करता है।
विधायक ने कहा कि हम इस कदम की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम मांग करते हैं कि अजीत अंजुम के खिलाफ दायर इस मुकदमे को तत्काल वापस लिया जाए और पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी सुनिश्चित की जाए। सत्ता को यह समझना होगा कि कलम को दबाने से सत्य दब नहीं सकता। बिहार की सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए, न कि उनका हनन। हम सभी पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद करें। यह केवल एक पत्रकार की लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है।

