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राष्ट्रीय लोक अदालत में 1771 मामलों का हुआ निपटारा, चार करोड़ 96 लाख एक हजार छः सौ पैसठ रुपए का हुआ सुलह 

वाद के निपटारा के लिए बनाए गए थे कुल अठारह बेंच

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष का  द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद नंदन सिंह उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी एवं अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, देवेश कुमार, व्यवहार न्यायालय और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर मंच का संचालन उपस्थित रिटेनर अधिवक्ता विष्णुदत्त द्विवेदी ने किया।

 

इस दौरान अपने संबोधन में जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे। उनके वाद के निपटारे के लिए पीठ के सभी सदस्य हर संभव प्रयास करेंगे। मौके पर देवेश कुमार अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार ने कहा कि देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनिय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनिय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता कराकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है। इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं।  वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित होने वाले सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन भी उन्होंने दिया। उन्होंनें कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है।  दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है, और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।

राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 587 व भारत संचार निगम लिमिटेड, ग्राम कचहरी के 84 , आपराधिक 107 वाद,  बैंक रेकॉवेरी के 425 वाद, जिसमे पचपन लाख चार सौ छपपन, यातायात अधिनियम के 441 जिसमे 26,55,212/-  रुपए की रिकवरी की गई, विद्युत वाद के 126 मामले का निपटारा कराया गया। जिसमे 22,96,303/- रुपए जिले के विभिन्न बैंकों ने 587 मामलों जिसमे हुए निष्पादन में इस दौरान कुल 03 करोड़ 81 लाख उंचास हजार छः सौ 94 रुपए की रिकवरी किया। बताते चले कि गठित अठारह पीठ मे से प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, रामचंद्र प्रसाद के पीठ में सबसे अधिक कुल एक सौ छब्बीस वाद का निस्पादन किया गया। विदित हो की माननीय पटना उच्च न्यायालय, पटना द्वारा जारी अधिसूचना में इन्हें पदोननती प्रदान कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, कटिहार बनाया गया है।

मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मनोज कुमार द्वितीय, विजेंद्र कुमार, रघुबीर प्रसाद, राकेश कुमार राकेश प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, रामचंद्र प्रसाद, अवर न्यायाधीश, श्रीमती आरती जैस्वाल,  कमलेश सिंह देव, अवर न्यायाधीश रंजना दुबे अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, नेहा त्रिपाठी, विष्णु प्रिया, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, आदि पैनल अधिवक्ता , जितेंद्र कुमार, चंद्रकला वर्मा, किरन कुमारी आदि वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, वरीय लिपिक संजय कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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