मुख्यमंत्री जी को अब पता चला है की बिहार में चौतीस फिसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे है : विनोधर ओझा
भाजपा के साथ जाने के साथ भूल जाते है विशेष राज्य का दर्जा की मांग




न्यूज़ विज़न। बक्सर
राकांपा के उपाध्यक्ष बिनोधर ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा की आज कल विशेष राज्य की दर्जा का मांग फिर से होने लगी है। कभी यही नीतीश कुमार अपने किये कार्यो को लेकर इतराते थे, अपनी उत्पादकता को लेकर, प्रतिव्यक्ति आय को लेकर इतराने से नही थकते थे। आज चौतीस फिसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे है। इसका एहसास सर्वे के बाद हुआ ? यह मांग तब करते है जब भाजपा का साथ छोडते है। जब साथ होते है तो विशेष राज्य के दर्जे कि मांग कुडेदान में डाल देते है।











अब जब आर्थिक सर्वेक्षण हुआ और नीतीश जी को मालुम पडा कि बिहार के लोगो की इतनी बुरी आर्थिक स्थिति है तब आखे खुली है कि इतनी जातीयो की दयनीय स्थिति है। पैतीस वर्षो से दलित और अतिपीछडो की हमदर्द बननेवालो कही सरकार लगातार चली आ रही हैं। अपने अपने वोट से मजा मार रहे है। उनकी आर्थिक स्थिति गर्त में मिला दिया है और आर्थिक गणना पर अपना पीढ थप-थपा रहे है गर्त में पहुचाने वाले लोग. जिसकी संख्या हो भारी उसकी हो की बात करनेवाले इतनी बेशर्म है कि यह बात करते समय भी कुर्सी नही छोड रहे है। आर्थिक सर्वेक्षण कराने कि बात कर रहे है। ये सर्वेक्षण कराने की बात करनेवाले स्वयं सामंतवादी प्रवृति के लोग है जिसका उदाहरण अपने से उम्रदराज पूर्व मुख्य मंत्री दलित समाज से आने वाले से उदंडता पूर्वक मांझी से बात करना सामंतवाद का प्रमाण है।

