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मानव को जीवन जीने की कला सीखाती है श्री राम कथा

कथा व्यास ने श्री राम कथा में सती और शिव विवाह का किया वर्णन

न्यूज विजन। बक्सर

महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि श्री रामचन्द्र जी की कर्म एवं शिक्षा स्थलीय लाल बाबा आश्रम, सती घाट बक्सर में पूज्य लाल बाबा सरकार के 19वें निर्वाण दिवस पर आयोजित नव दिवसीय श्रीराम कथा पूज्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री बैकुंठनाथ जी महाराज पीठाधीश्वर मायामधुसूदनधाम, हरिद्वार ने कहा कि श्री राम कथा मंगलकारी है। उन्होंने सती प्रसंग और शिव विवाह की कथा सुनाई।
उन्हाेंने कहा कि श्रीराम कथा मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने भगवान शिव और सती के प्रेम प्रसंग का वर्णन किया। सती प्रसंग में श्री स्वामी जी महाराज ने बताया कि मंगल परिणाम के लिए अपने से बड़ों का बात मानना चाहिए। शास्त्रों में वर्णित इस कथा के अनुसार, सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर आत्मदाह किया। इसके बाद सती के शव को लेकर शिव ने तांडव किया। यह शिव की एक लीला थी, जिसके माध्यम से वे 51 शक्ति पीठों की स्थापना करना चाहते थे।
कथा में एक रोचक प्रसंग सुनाया गया। नारद के उकसाने पर सती ने शिव से उनके गले में पहनी मुंड माला का रहस्य पूछा। शिव ने बताया कि माला में लगे सभी मुंड सती के पिछले जन्मों के थे। यह सती का 108 वां जन्म था और वे पहले 107 बार जन्म लेकर शरीर त्याग चुकी थीं। माला में अभी एक मुंड की कमी थी। सती ने जब शिव से उनके अमर होने का कारण पूछा, तो शिव ने बताया कि वे अमर कथा जानते हैं, इसलिए उन्हें शरीर त्याग नहीं करना पड़ता। इस पर सती ने भी अमर कथा जानने की इच्छा प्रकट की।
मौके पर आश्रम के महंत श्री सुरेन्द्र जी महाराज ने सभी नगर वासियों से निवेदन किया कि श्रीराम कथा का लाभ उठावें। श्री रामायण जी की आरती पूजन के साथ कथा का आरंभ हुआ सभी भक्त आनंदपूर्वक कथा श्रवण कर पुण्य के भागी हुए। आरती में महंत श्री सुरेंद्र जी महाराज, जदयू के प्रदेश महासचिव आजाद सिंह राठौर, झूना पांडेय, पुना बाबा, नीरज सिंह, रणधीर श्रीवास्तव,
दुर्गेश पांडेय, प्रह्लादजी, मनोज वर्मा, अंजय दुबे, संतोष गुप्ता, बबलू तिवारी, वीर राय, बिनोद जायसवाल, संतोष शामिल थे।

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