माँ गंगा अविरल व निर्मल रहे तभी हम राम का सपना साकार कर सकते है : रामाशीष
रामरेखा पर गंगा समग्र द्वारा निषादराज जयंती मनाई गयी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शनिवार को शहर के रामरेखा घाट पर गंगा समग्र द्वारा निषादराज जयंती मनाई गयी। इस दौरान भजन संध्या, गोष्ठी व गंगा आरती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गंगा समग्र के जिला संयोजक अजय कुमार वर्मा ने की। कार्यक्रम की शुरुआत भोजपुर जिला के म्यूजिक मंत्रा के प्रियरंजन पांडेय के नेतृत्व में कलाकारों ने गंगा भजन गाकर समा बांध दिया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व वरिष्ठ प्रचारक रामाशीष जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय मंत्री रामाशंकर सिन्हा, राजेन्द्र प्रसाद प्रान्त कार्यवाह दक्षिण बिहार (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), शम्भू नाथ पांडेय संयोजक, गंगा समग्र व राष्ट्रीय आरती आयाम प्रमुख, गंगा समग्र उपस्थित रहे।







गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए रामाशीष जी ने कहा कि निषादराज जी का नाम गुह था। गंगा के आश्रितों की तरह एक प्रकार गंगा पुत्र ही थे जिनको केवट, मल्लाह, निषाद के नाम से जाने जाते है। ऐसे उल्लेख मिलते है कि वो राम के बाल सखा थे। वो भी साथ में विद्या अध्ययन किये थे। भगवान राम के वो बहुत ही प्रिय थे। भगवान राम के वनवास के समय श्रृंगवेरपुर राजधानी थी। निषादराज इस बात के लिए भी विख्यात है। कोई कामना लेकर भक्ति करना सामान्य है। उन्होंने निष्काम भक्ति जगत के सामने उदाहरण रखा। उन्होंने भगवान से बिना पैर धोए नाव पर सवारी करने से मना किया जिसमें भक्ति की भावना और निष्काम इच्छा शक्ति को दर्शाता है। उन्होंने बात के क्रम में दूसरा रास्ता भी बताया जो कि जांघे भर पानी होना बताया। आज अयोध्या में भी रामलला की प्रतिष्ठा हो गई और रामराज्य लाने का हमलोग प्रतिज्ञा करने होंगें। भगवान राम के इन बातों से एक प्रकार से वनवासी नदी के तट पर रहने वाले समाज के वर्गों को उन्होंने गले लगाया। उनकी हर बात हर इच्छा पूरी की। हम लोगों के सामाजिक समरसता का बहुत ही अच्छा उदाहरण रहा। गंगा जी को सब सुख देने वाली कहा। ‘गंग सकल मूल मंगल मुला’ ऐसे गंगा जी के जो पुत्र है उनकी चिंता करना और माँ गंगा अविरल निर्मल रहे, कल्पना करें तभी हम राम का सपना साकार कर सकते है।

राजेन्द प्रसाद प्रान्त कार्यवाह दक्षिण बिहार (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने सम्बोधित करते हुए की आन बहुत ही दिनों के बाद हिन्दू समाज का वो सपना पूरा हुआ है। अयोध्या में प्रभु श्री रामचंद्र जी विराजमान हो गए है। माँ गंगा का यह पावन तट रामसखा निषादराज गुह के जयंती पर हम संकल्प ले गंगा अविरल निर्मल रहे। गंगा समग्र गंगा की अविरलता, निर्मलता व सम्पूर्ण जल के निमित, गंगा की सहायक नदियों, तालाबों सरोवरों को संरक्षित और सुरक्षित रखने हेतु समाज जागरण का जो कार्य कर रहा है वो बहुत ही सराहनीय है। गंगा समग्र दक्षिण बिहार प्रान्त संयोजक शम्भू नाथ पांडेय ने कहा कि आज पूरे देश में गंगा समग्र चैत्र शुक्ल पंचमी निषादराज जयंती मना रहा है। गंगा समग्र पूरे देश के 22 राज्यों व विदेश नेपाल में भी अपना संगठन विस्तार किया है। आगामी पूरे देश में संगठन विस्तार की योजना है। गंगा समग्र 15 आयामों जैसे-गंगा आरती, घाट स्वच्छता, गंगा सहायक नदी, जैविक कृषि, वृक्षारोपण, तालाब (सरोवर), शिक्षण-संस्था, गंगा वाहिनी (युवाओं के लिए), गंगा सेविका (माता बहनों के लिए) पर कार्य कर रहा है।
जयंती समारोह में मुख्य रूप से मृत्युंजय तिवारी,राजेश प्रताप सिंह (राघव सिंह) जिला सम्पर्क प्रमुख (आर एस एस), नन्दलाल जायसवाल (लोकप्रिय समाजसेवी), कंचन जायसवाल, पवन्दन केसरी (प्रसिद्ध साहित्यकार) राजेश सिन्हा, मदन दुबे, अमर जायसवाल, धर्मेंद्र कुमार, अमृता देवी, रामेश्वर चौधरी नगर संयोजक, महेंद्र चौबे (विधि आयाम), बसन्त कुमार, संजय पाठक आदि गंगा सेवक उपस्थित रहे।

