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भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर संजीत ने बढ़ाया जिले मान, गॉव पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत 

सफलता के लिए कितना घण्टा पढ़ाई करें ये मायने नही रखता है लगन से सेल्फ स्टडी करें तो  सफलता तय : संजीत 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिले के चक्की प्रखंड अंतर्गत अरक गाँव पश्चिम टोला में मंगलवार को काफी खुशनुमा माहौल रहा मौका था गॉव के श्यामबिहारी सिंह के पौत्र तथा रिटायर्ड सूबेदार सत्यदेव सिंह एवं पूनम सिंह के पुत्र संजीत कुमार सिंह ने कठिन परिश्रम से भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर गाँव के साथ साथ जिले का नाम रोशन किया है।

 

 

सफलता मिलने के पश्चात जब संजीत की सफलता से पूरे गाँव में हर्ष का माहौल बना हुआ है. वही जब संजीत अपने पैतृक गांव अरक पहुँचे तो उन्हें बधाइयां देने वालो का तांता लग गया।  लेफ्टिनेंट बेटे के आगमन पर गाँव में स्वागत समारोह का आयोजन हुआ जहाँ ग्रामीणों के बीच मिठाई के साथ जिलेबी और चाट का वितरण किया जा रहा था। सबसे पहले लेफ्टिनेंट संजीत सिंह को अंगवस्त्र तथा फूलमाला से पंचायत की मुखिया कलावती देवी ने सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संजीत ने अपनी प्रतिभा से पूरे पंचायत का नाम रोशन किया है। इसके लिए ये साधुवाद के पात्र है।  मुखिया ने कहा कि मैं संजीत के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं इस मौके पर प्रतिष्ठित किसान श्यामबिहारी सिंह, समाजसेवी तूफानी सिंह, समाजसेवी सनी सिंह, श्रीकांत सिंह, ब्रह्मेश्वर सिंह, सुमन्त सिंह सहित दर्जनों ग्रामीणों ने भी बधाई दी।

बचपन का सपना हुआ पूरा : संजीत 

वही बातचीत के दौरान संजीत ने बताया कि बचपन से ही मेरा सपना था फौज में जाने का ताकि देश की सेवा कर खुद को गर्वान्वित कर सकें। उन्होंने कहा कि इसकी प्रेरणा उनके पिता रिटायर्ड सूबेदार सत्यदेव सिंह और माता पूनम सिंह से मिली थी। हमारी प्रारम्भिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय लखनऊ से की इस क्रम में वर्ष 2013 में 10th पास किया और 2015 में 12th फर्स्ट डिवीजन से पास कर सेना में भर्ती के लिए तैयारी शुरू की। वही पहले ही प्रयास में वर्ष 2016 में सिपाही के तौर पर फौज में भर्ती हुए। इस दौरान पढ़ाई छोड़ी नही बल्कि और मन लगाकर तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद लगभग ढाई साल इंडियन आर्मी में सेवा देने के बाद 2019 में SSB क्लियर कर के IMA में चयनित हुए फिर 4 साल ट्रेनिंग के बाद लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त हुआ। संजीत ने अपनी सफलता का सारा श्रेय माता-पिता,परिवार और गुरुजनों को दिया।

युवा देश की सेवा करने के लिए फौज में जाएं

वही संजीत ने बताया की आत्मसंतुष्टि के लिए पढ़ाई करते थे इस दौरान समय का कोई पाबंदी नहीं था। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए कितना घण्टा पढ़ाई करते हैं ये मायने नही रखता है. सेल्फ स्टडी से सफलता प्राप्त की जा सकती है। लेफ्टिनेंट संजीत ने युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि जो युवा देश की सेवा करने के लिए फौज में जाना चाहते हैं वे खूब परिश्रम करे, क्योंकि मेहनत का कोई शॉर्टकट और विकल्प नहीं है। आत्मविश्वास के साथ लगन से तैयारी करने पर सफलता अवश्य मिलेगी। वही मेरा लक्ष्य है कि अपने कर्तव्यों का सही से पालन करते हुए सेना में उच्च स्तरीय पदों को प्राप्त करें।

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