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खंड-खंड में बंटे सनातनियों को एक सूत्र में जोड़ने का राजकुमार चौबे ने लिया संकल्प 

राजनीतिक लाभ के लिए सनातन संस्कृति पर हो रहे हमलों पर किया प्रहार

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चौबे ने पटना में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सनातन संस्कृति को निशाना बनाना अब कुछ नेताओं की आदत बन गई है। ऐसे तत्व समाज में भ्रम, टकराव और वैमनस्य फैलाकर अपना हित साधना चाहते हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है जब खंड-खंड में बंटे सनातनियों को एक सूत्र में बांधने की आवश्यकता है, ताकि समाज की सामूहिक शक्ति जागृत हो और सनातन संस्कृति को उसका वास्तविक सम्मान प्राप्त हो सके। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जाति और पार्टी से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है, क्योंकि सनातन संस्कृति की रक्षा केवल किसी एक वर्ग का नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में आस्था रखने वाले प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।

 

“जो हमारी मां को अपशब्द कहे और दूसरे का सम्मान करे, ऐसे लोगों से हमें परहेज है। राजकुमार चौबे ने दो टूक शब्दों में कहा कि हम सबका सम्मान करते हैं, लेकिन बदले में अपना भी सम्मान अपेक्षित रखते हैं। जनेऊ के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि संस्कृति, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचायक है। वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या को उन्होंने सनातन संस्कृति के क्षीण होने का परिणाम बताया और कहा कि यदि संस्कृति सशक्त होती, तो हमारे बुजुर्ग अकेले जीवन बिताने को विवश न होते।

 

विपक्ष पर हमला, नीतीश कुमार को “ठीक” बताया

वहीं राजनीतिक मसलों पर भी उन्होंने खुलकर विचार रखे। उन्होंने लालू यादव, तेजस्वी यादव और असदुद्दीन ओवैसी को अपनी नापसंद की सूची में रखते हुए, नीतीश कुमार को “ठीक” बताया। प्रशांत किशोर पर टिप्पणी करते हुए श्री चौबे ने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाने का श्रेय लेता है, उसने अपने ही जिले बक्सर के विकास के लिए कभी कोई प्रभावी आवाज नहीं उठाई।

 

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