बारह सूत्री मांगों को लेकर आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष किया प्रदर्शन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ राज्य कार्यकारणी के निर्देशानुसार शनिवार को अपनी मांगों के समर्थन में सिविल सर्जन के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया गया। अपनी मांगों के समर्थन में गगन भेजी नारे लगाए गए प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा एवं चिकित्सा संघ जिला मंत्री आनंद कुमार सिंह, प्रमिला देवी व मंजू देवी ने किया।







प्रदर्शन सिविल सर्जन के समक्ष पहुंच और एक सभा हुई जिसको संबोधित करते हुए राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा ने कहा पिछली हड़ताल के समझौते को सरकार लागू नहीं कर रही है। जबकि आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर की सेवा के कारण सरकारी संस्थागत प्रसव और जन्म मृत्यु दर में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है। कोरोना महामारी संबंधी विभिन्न निरोधात्मक कार्यक्रम टीकाकरण कोविड रोगियों की पहचान इसकी सूचना सिविल सर्जन एवं प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण एवं खतरनाक काम इन्हीं के द्वारा किया गया। इस प्रयास के कारण कोरोना महामारी के बाद 10 वर्ष से राज्य जिनकी आर्थिक स्थिति में कोरोना काल के बाद सुधार हुआ है उसमें बिहार तीसरे नंबर पर है। हड़ताल में मानदेय शब्द को तोड़ मरोड़ कर एक राजशाही शब्द पारितोषिक लिख दिया गया भुगतान में बीसीएम के द्वारा भोली भाली आशाओं को धौस जमा कर कमीशन खोरी के रूप में पैसे की वसूली करने संबंधित सूचना संघ को प्राप्त हुआ है।

एनएचएम के संविदा कर्मियों की चल रहे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को सम्मानजनक समझौता करके जनहित में समाप्त करने के बजाय सरकार के द्वारा दमनात्मक कार्रवाई संबंधी पत्र निर्गत किया जा रहा है। कार्यरत एएनएम कार्यरत कर्मियों का 18 माह का डीए का भुगतान नहीं किया जा रहा है इसका भी भुगतान कराया जाए। आशा ने अपनी 12 सूत्री मांग मुख्यमंत्री को संबोधित है सिविल सर्जन को समर्पित किया गया। जिसमें प्रमुख पारितोषिक शब्द को हटाकर मानदेय किया जाए तथा ₹2500 का भुगतान किया जाए। आशा के भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी पर रोक लगाई जाए। कोरोना काल में ड्यूटी के लिए सभी आशा आशा फैसिलिटेटर को ₹10000 का भुगतान किया जाए। फैसिलिटेटर को 20 दिन की जगह पूरे माह का भ्रमण भता₹500 का भुगतान किया जाए। विभिन्न कार्यक्रमों के लिए निर्धारित प्रोत्साहन राशि की दरों में समुचित वृद्धि हेतु केंद्र सरकार को प्रस्ताव एवं अनुशंसा प्रेषित किया जाए। आंगनबाड़ी के तर्ज पर आशा आशा फैसिलिटेटर को 65 वर्ष उम्र किया जाए।सभा को मनोज चौधरी, हरे राम सिंह, कंचन कुमारी, डेजी देवी आदि ने भी संबोधित किया।

