फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में नाइट ब्लड सर्वे की हुई शुरुआत
नावानगर के आथर पंचायत में संचालित रैंडम साइट पर पहली रात में लिया गया 100 से अधिक लोगों का सैंपल




न्यूज़ विज़न। बक्सर
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में 10 अगस्त से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के लिए जिले में नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) की शुरुआत हो चुकी है। इस क्रम में गुरुवार की रात नावानगर प्रखंड के आथर में एनबीएस के लिए रैंडम साइट का संचालन किया गया। जिसका उद्घाटन पंचायत की मुखिया रेखा देवी, वीबीडीसीओ पंकज कुमार, पीरामल इंडिया के अविकल्प मिश्रा ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस दौरान मुखिया रेखा देवी ने कहा कि फाइलेरिया समाज के लिए एक अभिशाप है। जिसके कारण पूर्व के दिनों में मरीज दिव्यांग बन जाते थे, लेकिन अब इसे रोका जा सकता है। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से साल में एक बार वृहद पैमाने पर दवा खिलाई जाती है। आशा कार्यकर्ताएं अपने सामने दवाओं का सेवन कराती है। जिसका सेवन इस बार सभी मिलकर करेंगे। ताकि, लोगों को भविष्य में इस बीमारी के खतरे से बचाया जा सके।








एनबीएस से चलता है माइक्रो फाइलेरिया दर का पता :
शिविर में वीबीडीएसओ पंकज कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है। जो कि एक बार हो जाए तो कभी ठीक नहीं होता है। इसलिए इसकी पहचान करके इसको जड़ से खत्म करने की अभियान में नाइट ब्लड सर्वे अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से फाइलेरिया के परजीवी का पता लगाया जा सकता है। इसके साथ ही लोगों से उन्होंने अपील किया कि नाइट ब्लड सर्वे के दौरान अपने ब्लड का जांच जरूर कराएं और आसपास के लोगों को भी ब्लड जांच करवाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक साइट से एनबीएस के दौरान 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा। इसके लिए रात्रि 8:30 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। जिसमें 20 वर्ष व उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का ही ब्लड सर्वे किया जाएगा।



मुखिया और स्थानीय पंचायत की आशा ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका :
आथर पंचायत में संचालित एनबीएस के लिए शिविर में पहली रात ही 100 से अधिक लोगों ने अपने अपने ब्लड का सैंपल दिया। जिसमें मुखिया और स्थानीय पंचायत की आशाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एनबीएस के पूर्व आशा कार्यकर्ताओं ने लोगों को फाइलेरिया व इसके दुष्प्रभाव से लोगों को अवगत कराया। साथ ही, उन्हें फाइलेरिया उन्मूलन में एनबीएस की भूमिका के प्रति लोगों को जागरूक किया। जिसकी बदौलत बड़ी संख्या में लोगों ने एनबीएस के लिए अपनी सहभागिता निभाई। इस क्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने जिले में एनबीएस के लिए चयनित गांव के लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर ब्लड सैंपल देने की अपील की। ताकि, जिले से फाइलेरिया का उन्मूलन करने के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का संचालन किया जा सके। मौके पर वीबीडीएस उपेंद्र पांडेय, लैब टेक्नीशियन धर्मेंद्र कुमार, नावानगर सीएचसी के कर्मीगण, आशा कार्यकर्ताएं व पंचायत के लोग उपस्थित थे।

