पांच वर्ष के अंतराल पर होने वाले लोकतंत्र के इस महापर्व में प्रबुद्ध वर्ग को मतदान हेतु प्रेरित कर शत प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को साधना है : राजेश्वर राज
क्रीड़ा भारती एवं भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में लोकतंत्र में प्रबुद्ध वर्ग एवं बुद्धिजीवियों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
क्रीड़ा भारती एवं भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में शहर के स्टेशन रोड स्थित गोयल धर्मशाला में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय लोकतंत्र में प्रबुद्ध वर्ग एवं बुद्धिजीवियों की भूमिका रखा गया था। संगोष्ठी का विषय प्रवेश कराते हुए भरत प्रसाद ने कहा की प्रबुद्ध वर्ग को पूरा समाज सुनता है इसलिए समाज के प्रति उनका दायित्व बढ़ जाता है। सरकार के विकास कार्यों को देखते हुए लोगों को अधिकतम मात्रा में मतदान हेतु प्रेरित करने की जिम्मेदारी प्रबुद्ध वर्ग की है।








क्रीड़ा भारती के दुर्गा प्रसाद वर्मा ने कहा कि व्यावहारिक दृष्टि से वर्तमान केंद्रीय नेतृत्व में भारत की सीमाओं की रक्षा सेना ने कुशलता पूर्वक की है। संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि क्रीड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष सह काराकाट के पूर्व विधायक राजेश्वर राज ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत वासियों का यह संस्कार है कि हम कोई भी पर्व साधारण रूप में नहीं मनाते हैं। इसलिए 5 वर्ष के अंतराल पर होने वाले लोकतंत्र के इस महापर्व में हमारा कर्तव्य और अधिकार दोनों बढ़ जाते हैं। प्रबुद्ध वर्ग को मतदान हेतु प्रेरित करते हुए शत प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को साधना है। राजेश्वर ने कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में बुद्धिजीवों की जिम्मेदारी है कि वह एक अच्छी सरकार बनाने के लिए लोगों को शत प्रतिशत मतदान हेतु प्रेरित करें। उनका कहना था की धारा 370 हटाने की ताकत व हिम्मत भी एक मजबूत सरकार के पास ही हो सकती है। हम केवल एक बटन भर दबाकर एक ऐसी राजनीतिक शक्ति को ताकत दे सकते हैं जो भारत की रक्षा कर सकती है और हमारी पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित कर सकती है।



क्रीड़ा भारती के विभाग संयोजक सह भारतीय शिक्षण मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रमेश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र का यह पर्व एक महायज्ञ है और हम सब की जिम्मेदारी है कि इस महायज्ञ में अपनी यथासंभव आहुतियां दें। राष्ट्र के उत्थान में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका सदैव सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वह शेष समाज का मार्गदर्शक है। जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में दुनिया ने भारत को जिस दृष्टि से देखा है वह अभूतपूर्व है। राजनीतिक पार्टियों के पास साफ नियत और दृश्य संकल्प होना चाहिए। संजय राय ने कहा कि विकास के साथ-साथ अपने मूल्यों और परंपराओं को भी सहजता पूर्वक आगे बढ़ने का काम करने वाली सरकार को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। मंच संचालन स्मृति कॉलेज के निदेशक डॉ रमेश कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन दुर्गा प्रसाद वर्मा ने किया। इस अवसर पर धनंजय सिंह, मनमन पांडे, अरविंद राय, आशुतोष ओझा, रणजीत सिंह, सत्येंद्र सिंह, शशि मिश्रा, शिवलाल मंडल, रंजन तिवारी, अजीत कुमार चौबे, अरुण ओझा इत्यादि उपस्थित थे।

