नौ सूत्री मांगों को लेकर आशा कर्मियों ने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष किया प्रदर्शन




न्यूज विजन । बक्सर
सोमवार को बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के राज्य कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में जिलेभर से आशा कार्यकर्ता और फैसीलेटर पहुंची हुई थी। जिसका नेतृत्व जिला संयोजक सह राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा, मीरा देवी, सुधा देवी, डेजी देवी, मंजू देवी ने किया।
प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी किया गया। बिहार सरकार खोलो कान नहीं तो 12 जुलाई से होगा चक्का जाम, सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बिहार सरकार को चेतावनी दी अगर कुंभकर्ण निंद्रा नहीं जगी तो 12 जुलाई से बिहार के तमाम आशा एवं आशा फैसिलिटेटर हड़ताल पर उतर जाएंगे। मांगो में प्रमुख पारितोषिक शब्द को हटाकर मानदेय किया जाय और 1000 से बढ़ाकर ₹10000 किया जाए। अश्वनी पोर्टल के पूर्व के बकाया भुगतान किया जाय। आशाओं के भुगतान में व्याप्त कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए। कोरोना काल में ड्यूटी के लिए ₹10000 कोरोना भत्ता का भुगतान किया जाए। आशा फैसिलिटेटर को 20 दिन के बदले पूरे माह का भ्रमण दैनिक ₹500 के दर से भुगतान किया जाय। विभिन्न कार्यों के लिए निर्धारित प्रोत्साहन भत्ता राशि की दरों में समुचित वृद्धि के लिए केंद्र सरकार को लिखा जाए आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ दिया जाए तथा रिटायरमेंट पैकेज के रूप में 1000000 का भुगतान किया जाए। सभा को संबोधित करने वालों में महासंघ के जिला मंत्री लालबाबू राम, चिकित्सा संघ के राज्य संघर्ष उपाध्यक्ष मनोज चौधरी, हरेराम सिंह, सहाबा, आशा मिश्रा, मंजू देवी, नीतू देवी, उर्मिला देवी, ठाकुर दास, पुष्पा देवी, डेजी देवी, मीरा देवी, सुधा देवी आदि शामिल रही। अंत में 9 सूत्री मांग पत्र मुख्य मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नाम अरुण ओझा के नेतृत्व में सिविल सर्जन को समर्पित किया गया।

