पाखंड के प्रबल विरोधी मानव एवं मानवता के पक्षधर संत कबीर की जयंती मनाई गयी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष के पावन अवसर पर भोजपुरी दुलार मंच एवं प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा,भारत के संयुक्त तत्वावधान में मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सभा के सलाहकार डॉ ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन के संयोजन एवं संचालन में भारत वर्ष के महान संत, पाखंड के प्रबल विरोधी मानव एवं मानवता के पक्षघर, भोजपुरी भाषा के पहले कवि संत कबीर दास जी की जयंती समारोह पार्वती निवास परिसर में मनाया गया।











आयोजित जयंती समारोह का उद्घाटन वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, ब्रह्मपुर महोत्सव के पीठाधीश्वर जगदगुरू उपाधि प्राप्त डॉ धर्मेन्द्र आचार्य, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ महेंद्र प्रसाद, नप की पूर्व चेयरमैन मीना सिंह द्वारा संयुक्त रूप से संत कबीर जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके एवं चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। समारोह की अध्यक्षता वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन भाषण के दौरान आचार्य ने संत कबीर जी को एक महान मानवतावादी बताते हुए उनके कार्यों की विशेष बातों का जिक्र किये।
डॉ महेंद्र प्रसाद ने कबीर जी पाखंडों के विरुद्ध खडा होने की बात बताया। मीना सिंह ने कबीर को मानवता के लिए समर्पित बताया। अध्यक्षता करते हुए रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कबीर को नमन करते हुए एक आन्दोलनकारी व्यक्ति बताये। गणेश उपाध्याय ने संघर्ष शील व्यक्तित्व बताये, डॉ शशांक शेखर ने अवतारवादी बताये, शशि भूषण मिश्र, मानवता वादी बताये तो, शिव बहादुर पांडेय जीने अनोखे व्यक्ति का मालिक बताये, राजा रमण पांडेय मिठास ने अद्भुत जीवन वाला व्यक्ति के रूप में चर्चा की, रामेश्वर मिश्र विहान ने शिक्षाविद्,तो महेश्वर ओझा महेश ने सामाजिक आन्दोलन के रूप में बताये।
संचालन कर्ता डॉ पवन नन्दन ने उपस्थित सभी महानुभावों को आदर समर्पित करते हुए, संत कबीर जी को नमन करते हुए अपनी बातों को साझा करते हुए, कहा कि कबीर का अर्थ होता है महान। संत कबीर बचपन से ही अभाव में जीते रहे और पलते बढते गये। रामानंद गुरु बनाने में बहुत पापड़ बेलना पडा। ये हिन्दू और मुसलमान दोनों को अपनी बातों से मानवता अपनाने जोर देते रहे और रूढ़िवादिता से दूर रहने की सलाह देते, दोनों को पाखंड से बचने का सलाह देने के साथ बताये की मानव एवं मानवता की सेवा करें।
कबीर दास की उलटी बानी में बडी ताकत है.
जो घर जारे आपना चलै हमारे साथ।
कन्हैया दुबे जी के आभार के साथ संत कबीर जयंती का विराम हुआ।

