


न्यूज़ विज़न। बक्सर
सदर प्रखंड के प्रखंड कृषि कार्यालय सभागार में आत्मा बक्सर (आत्मा – कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण) की ओर से प्रखंड स्तरीय खरीफ किसान गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को खरीफ मौसम की फसलों से संबंधित वैज्ञानिक जानकारी, कीट-रोग प्रबंधन तथा कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना था।








कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से प्रखंड उप प्रमुख ओमप्रकाश तिवारी, आत्मा के उप परियोजना निदेशक रणधीर कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्ण मोहन तिवारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक अजय कुमार सिंह, अमरेश राय तथा प्रखंड उद्यान पदाधिकारी शिव कुमार ने किया। कृषि विज्ञान केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम केवल ने खरीफ मौसम में बोई जाने वाली धान, मक्का, अरहर, मूंगफली सहित अन्य फसलों में लगने वाले प्रमुख कीट और रोगों की पहचान व उनके समुचित प्रबंधन के आधुनिक उपायों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उर्वरकों के संतुलित एवं वैज्ञानिक उपयोग पर विशेष जोर देते हुए किसानों से कहा कि मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही खाद और उर्वरक का उपयोग करें, जिससे उत्पादन बढ़े और लागत घटे।




योजनाओं की दी गयी जानकारी
उप परियोजना निदेशक रणधीर कुमार ने आत्मा द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी दी। इसमें किसानों के लिए प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी प्रसार और कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई। प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्ण मोहन तिवारी ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, बीज वितरण योजना, फसल बीमा योजना आदि की जानकारी विस्तार से दी। वहीं प्रखंड उद्यान पदाधिकारी शिव कुमार ने उद्यान विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए फलदार पौधों की नर्सरी, सब्जी उत्पादन एवं बागवानी के क्षेत्र में किसानों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया।
कार्यक्रम का मंच संचालन विवेकानंद उपाध्याय (सहायक तकनीकी प्रबंधक) ने किया। मौके पर कृषि समन्वयक सभापति सिंह, उमेश कुमार, सहायक तकनीकी प्रबंधक रजनीश कुमार, कार्यपालक सहायक मंजू बाला, लेखापाल श्वेता सुमन सहित बड़ी संख्या में प्रखंड स्तरीय कृषि कर्मी मौजूद थे। इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों किसान जिनमें फूल तारा देवी, मनोज कुमार सिंह, मनोरमा देवी, गणेश पांडे, गामा प्रसाद, सुरेंद्र सिंह, रामवती देवी, सरिता देवी, कांति देवी, ललन राम सहित कई महिलाएं व पुरुष किसान शामिल हुए। किसानों ने इस तरह के आयोजन को उपयोगी बताते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसी गोष्ठियों के आयोजन से उन्हें नई तकनीक की जानकारी मिलती है और वे खेती में बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं।

