दहेज हत्या के मामले में पति समेत चार दोषियों को 7-7 साल की सश्रम कारावास की सजा




न्यूज विज़न। बक्सर
व्यवहार न्यायालय बक्सर ने एक बहुचर्चित दहेज हत्या के मामले में गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मृतका के पति, देवर, सास और ससुर को दोषी करार दिया और सभी को 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला प्रधान अपर सत्र न्यायाधीश सुदेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने सुनाया।






अपर लोक अभियोजक सुरेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला कोरान सराय थाना क्षेत्र अंतर्गत कोरान सराय गांव का है, जहां की निवासी रानी कुमारी की शादी 16 फरवरी 2022 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार पेन्टर गुप्ता नामक युवक से हुई थी। विवाह के कुछ समय बाद ही ससुराल वाले रानी पर दहेज में मोटरसाइकिल और नकदी लाने का दबाव बनाने लगे। पीड़िता को लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। घर में गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं आम हो गई थीं।
पीड़िता के भाई तेज नारायण साह ने कोर्ट को बताया कि 19 सितंबर 2022 को उन्हें एक फोन कॉल के माध्यम से सूचना मिली कि उनकी बहन की हत्या कर दी गई है। जब वह परिजनों के साथ रानी के ससुराल पहुंचे तो देखा कि बहन की लाश कमरे में पड़ी थी और शरीर पर कई जगह गंभीर चोट के निशान थे। घटना के बाद से ही रानी का पति पेन्टर गुप्ता, देवर सोनू गुप्ता, सास चंचल देवी और ससुर मकसुदन साह घर छोड़कर फरार थे।


मामले में पीड़िता के भाई की ओर से कोरान सराय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। न्यायालय में चली लंबी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर न्यायाधीश ने सभी चारों आरोपितों को दोषी माना।
गंभीर आरोपों को प्रमाणित पाते हुए न्यायालय ने पति पेन्टर गुप्ता, देवर सोनू गुप्ता, सास चंचल देवी तथा ससुर मकसुदन साह को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (बी) (दहेज मृत्यु) एवं अन्य धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए प्रत्येक को 7-7 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दहेज प्रथा समाज में एक कलंक है और इससे जुड़ी घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान पर गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं।

