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ढ़काइच में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस

आदिवासियों की आठ सूत्री मांग को उपस्थित जनसमूह के बीच रखा गया 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

रविवार को गोंड आदिवासी समाज के लोगों द्वारा, GSU, बिहार प्रदेश के बैनर तले, गोंड के पवित्र स्थल बालेश्वर नाथ पेनठाना, ढकाइच, नया भोजपुर में विश्व आदिवासी दिवस बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने विश्व में आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से 9 अगस्त को विश्व के आदिवासियों (International Day ऑफ थे World’s Indigenous People) का अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया था।

 

विश्व आदिवासी दिवस समारोह की शुरुआत गोगो (गोंड लोगों की अपनी संस्कृति के अनुसार) से हुई, अर्थात प्रकृति की मानव जाति के विकास में, इसकी भूमिका को याद करने के लिए, पुंज्याल भुमक: तिरुमाल झामलाल ओयमा जी, चिलहरी, प्रतापसागर द्वारा किया गया। समारोह की अध्यक्षता गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन (GSU) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष तिरुमाल कृष्ण प्रसाद (गोंड) जी ने की। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को विश्व आदिवासी दिवस के उद्देश्य से अवगत कराया। तिरुमल कृष्ण गोंड ने बिहार में गोंड आदिवासियों की मुख्यतः निम्नलिखित लंबित माँगों/आवश्यकताओं को उठाया :-
(1) पटना में एक जनजातिय विश्वविद्यालय की व्यवस्था।
(2) बिहार की सभी पंचायतों में आदिवासी/जनजातिय छात्रों के लिए निःशुल्क सायंकालीन ट्यूसन की व्यवस्था,
(3) बिहार के प्रत्येक जिलों में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को समर्पित  छात्रावास की व्यवस्था।
(4) बिहार के प्रत्येक जिलों में गोंडवाना भवन का निर्माण।
(5) पटना में गोंडवाना के शहीद शंकर शाह जी और रघुनाथ शाह जी की आदम कद प्रतिमा, साथ में पार्क।
(6) बिहार के सभी अनुमंडलों में आदिवासी छात्रों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था।
(7) खतियान न होने की स्थिति में, स्थानीय स्तर पर इन्क्वायरी कराके, गोंड (GOND) जनजाति के सदस्यों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र आसानी से जारी किया जाये।
(8) गोंड जनजाति के सदस्यों पर हो रहे अत्याचार को रोकने का कड़ाई से अनुपालन।

 

इसके साथ ही, कई गोंड विद्वानों ने बिहार में गोंड आदिवासियों की दयनीय स्थिति, विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में, और उनकी बेहद अफसोस जनक आर्थिक स्थिति से, उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया। इसके बाद, वहाँ उपस्थित जनसमूह द्वारा भोज का आयोजन किया गया। जिसके पश्चात 03:00 बजे दोपहर में गोंड आदिवासियों के पवित्र स्थान बालेश्वर नाथ पेनठाना ढाकाइच से बक्सर समाहरणालय तक मोटरसाइकिल/बाइक रैली की शुरुआत इन नारों के साथ की गई: “आदिवासियों को न्याय दो, आदिवासियों के लिए समर्पित स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों की व्यवस्था करो, आदिवासियों पर अत्याचार बंद करो।

कार्यक्रम में मंतोष गोंड परस्ते बिहार प्रदेश अध्यक्ष GGP, कुपार ब्रजेश गोंड बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी GSU, महातम प्रसाद (गोंड) जी, धनु गोंड जी GSU बिहार प्रदेश सचिव, मनु गोंड जी, अनंत गोंड, विश्वामित्र गोंड GSU बक्सर जिलाध्यक्ष, संजय गोंड जी GSU बक्सर जिला सचिव, नागेंद्र गोंड, नीतीश गोंड जी GSU बिहार प्रदेश कोषाध्‍यक्ष, गौतम प्रसाद उइके (गोंड) जी, सोहन गोंड, बक्सर जिला सचिव GGP, विक्रमा गोंड, बक्सर जिला सचिव GGP, चंदन गोंड GSU जिलाध्यक्ष भोजपुर, मिथिलेश गोंड भोजपुर जिलाध्यक्ष GGP इत्यादि शामिल रहे।

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