संघ के शताब्दी वर्ष पर शस्त्र पूजन, तीन पीढ़ी के स्वयंसेवक गणवेश में रहे मौजूद



न्यूज़ विज़न। बक्सर
संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मंगलवार को नगर के रामबाग बस्ती स्थित माँ जगत जननी जगदम्बा मंदिर परिसर में शस्त्र पूजन का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर शस्त्र पूजन उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह, दक्षिण बिहार प्रान्त कार्यवाह ओम प्रकाश वर्मा एवं राजेंद्र प्रसाद ने किया।








कार्यक्रम का शुभारंभ सामूहिक गीत से हुआ, जिसमें अवधेश जी ने श्रद्धा और विश्वास जगाने वाले गीत प्रस्तुत किए। गीत के बोलों ने सामाजिक सद्भाव, परिश्रम और परिवर्तन की दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मोहन सिंह ने कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में मात्र दस–पंद्रह मित्रों के साथ मिलकर हिंदू समाज के संगठन की नींव रखी थी, जिसका एक वर्ष बाद नामकरण “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” हुआ। अनेक उपेक्षाओं और उपहासों के बीच संघ ने निरंतर कार्य करते हुए समाज का विश्वास जीता और आज एक सशक्त संवाहक के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में समाज में पाँच प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तन की दिशा में कार्य कर रहा है जिसमे सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, स्व के प्रति आग्रह शामिल है।




डॉ. सिंह ने बताया कि संघ सेवा के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगा रहा है। आने वाले एक वर्ष तक संघ घर-घर पहुँचने की योजना के साथ कई कार्यक्रम आयोजित करेगा। इसी क्रम में फरवरी में हार बस्ती मंडल में हिंदू सम्मेलन कराने की भी तैयारी है। कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही कि एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित रहे, जिसने संघ की परंपरा और निरंतरता का सशक्त संदेश दिया।
उपस्थित जनप्रतिनिधि और गणमान्य
इस अवसर पर अवनिन्द्र कुमार, भोलाजी केशरी, मोहन वर्मा, विवेक सिंह, मंगल पाठक, कन्हैया पाठक, रोहतास गोयल, शिवजी खेमका, लक्ष्मण शर्मा, विष्णु यादव, कार्तिक वर्मा, ज्ञानदीप पाठक, देवांशु शेखर, राजकुमार, मदन जी दूबे, रतन वर्मा, पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा, गुप्तेश्वर केशरी, वार्ड पार्षद मनोज गुप्ता, पार्षद प्रतिनिधि विजय राजभर, देवेंद्र शर्मा, संत कुमार सिंह, विनोद उपाध्याय, मुकेश खरवार, दीपक अग्रवाल, माधव चंद्र श्रीवास्तव, कंचन देवी समेत सैकड़ों महिला-पुरुष और गणवेशधारी स्वयंसेवक मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम के दौरान अनुशासन, श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।

