जायसवाल समाज के कुल देवता भगवान सहस्त्र अर्जुन व कुल गौरव डॉ काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती मनायी गयी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
नगर के पी पी रोड स्थित अमेरिकन इंग्लिश स्पोकेन इंस्टीट्यूट में जायसवाल सभा के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में कुल देवता भगवान सहस्त्र अर्जुन की जयंती व आरती पूजन के साथ साथ समाज के कुल गौरव डॉ काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती के पूर्व संध्या पर रविवार को जायसवाल समाज द्वारा धूमधाम से मनाया गया।








जयंती समारोह का संचालन महासचिव संजय चौधरी ने किया। उन्होंने कुल देवता भगवान सहस्त्र अर्जुन और समाज के गौरव डॉ काशी प्रसाद जायसवाल के जीवन पर विस्तार रूप से प्रकाश डाला। डॉ काशी प्रसाद जायसवाल का जन्म के पूर्व संध्या पर 26 नवम्बर को ही भगवान सहस्त्राअर्जुन का भी जन्मोत्सव एक साथ मनाया गया। सभा के सलाहकार मंडल के पदाधिकारी सुरेश प्रसाद जायसवाल ‘संगम’ ने बताया हमारे कुल देवता भगवान सहस्त्राअर्जुन चंद्रवंशी क्षत्रियों में हैहय वंश सर्वश्रेष्ठ उच्च कुल में कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी यानी तट पूजा के दूसरा अरकवाला दिन को जन्म हुआ था। समाज के गौरव डॉ काशी प्रसाद जायसवाल का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर रईस परिवार में हुआ था। इन्होंने आक्सफोर्ड से इतिहास में मास्टर डिग्री किया,बाद में बार एट लाॅ कर सन् 1911 में कलकत्ता में वकालत शुरु किए । सन् 1914 में पटना हाईकोर्ट में वकालत आजीवन किए। भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार और साहित्यकार के रूप में पूरे विश्व में भारत का सम्मान बढ़ानेवाले एक महान विचारक डॉ काशी प्रसाद जायसवाल ने अपने कलवार जाति का उपनाम जायसवाल टाइटल रखा। तबसे कलवार जाति जायसवाल लिखना शुरू कर दिए।



सभा के संरक्षक लक्ष्मण प्रसाद जायसवाल ने कहा कि हमारे कुल देवता सहस्त्राअर्जुन बलशाली पराक्रमी राजा थे। भगवान दत्तात्रेय ने इन्हें हजार हाथों का बल प्राप्त करने का वरदान दिया थे। इन्होंने लंकाधिपति रावण को युद्ध में पराजित कर वर्षो बंदी बनायें थें। डॉ काशी प्रसाद जायसवाल के बारे में बताया कि वह एक युगांतरकारी,महान इतिहासकार, कानूनविद, मुद्रा शास्त्री, स्वतंत्रता सेनानी और पुरातत्ववेता व्यक्ति थे। इनकी जितनी तारीफ की जाये उतनी ही कम है। समाज की एकजूटता, सामाजिक कल्याण और गरीब लड़की की शादी में एवं गरीब छात्र – छात्रों को पढ़ाई में सहयोग देने पर विशेष जोर दिया। हमारा जायसवाल (कलवार) बहुत ही पिछड़ा वर्ग है। बिहार सरकार इसे अति पिछड़ा वर्ग में घोषणा कर गजट निकाले। जब समाज का कल्याण होगा तभी राज्य और राष्ट्र भारत का नाम होगा। डॉ काशी प्रसाद जायसवाल के मरणोपरांत इन्हें भारत रत्नकी उपाधि की मांग भारत सरकार से लम्बे समय से चल रही है।
सभा के अन्त में सभी स्वजातीय बंधुओं द्वारा भगवान सहस्त्राअर्जुन और समाज के गौरव डॉ काशी प्रसाद जायसवाल की आरती पूजन कर प्रसाद वितरण किया गया। सभा में अरूण कुमार जायसवाल, डॉ अश्वनी कुमार जायसवाल, अमरनाथ जायसवाल,अशोक कुमार जायसवाल, प्रकाश चन्द जायसवाल, ठाकुर जायसवाल बबलू, बिजय कुमार जायसवाल, संजय चौधरी पप्पू जी, मनोज कुमार जायसवाल बिल्टु जी ,लकी जायसवाल,अरबिन्द कुमार जायसवाल बंटी, गुलाब चन्द्र जायसवाल,राजन जायसवाल, प्रमोद जायसवाल, वेद प्रकाश जायसवाल, जितेन्द्र जायसवाल, डॉ धर्मेन्द्र जायसवाल, प्रह्लाद जायसवाल, अनिल जायसवाल, दिनेश जायसवाल, तारकेश्वर जायसवाल, शिव जी जायसवाल, शाश्वत जायसवाल, मुरलीधर जायसवाल,सी पी जायसवाल, यश जायसवाल, रंजीत जायसवाल समेत अन्य शामिल रहे।

