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जनसुराज के विज़न से बक्सर में नई उम्मीदें, चौसा प्रखंड के गांवों में प्रत्याशी तथागत हर्षवर्धन का जनसंपर्क अभियान

न्यूज विज़न। बक्सर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र जनसुराज अभियान के तहत बक्सर सदर विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को जनसंपर्क का व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी तथागत हर्षवर्धन ने चौसा प्रखंड के कई गांवों — जलीलपुर, सोनपा, महावीर स्थान, सॉरी पलिया, सिकरौल, बनारपुर सहित आसपास के दर्जनों टोले-मोहल्लों में जाकर लोगों से मुलाकात की और प्रशांत किशोर के “जनसुराज विज़न” को विस्तार से बताया। जनसंपर्क के दौरान लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों ने कहा कि वे इस बार बदलाव और विकास चाहते हैं, और जनसुराज की बातों में उन्हें बिहार के भविष्य की नई दिशा दिख रही है।

तथागत हर्षवर्धन ने कहा कि प्रशांत किशोर का जनसुराज आंदोलन किसी राजनीतिक पार्टी से अधिक एक सामाजिक अभियान है, जिसका उद्देश्य बिहार की राजनीति को जनता के हाथ में देना है। उन्होंने कहा कि बिहार को नई सोच, नई ऊर्जा और नई व्यवस्था की जरूरत है। जिस तरह आज हर गांव में लोग अपने मुद्दों पर खुलकर चर्चा कर रहे हैं, वही इस अभियान की सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशांत किशोर के विचारों के अनुसार, राजनीति सिर्फ चुनाव जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक ज़रिया है। हमारा लक्ष्य सत्ता नहीं, व्यवस्था का सुधार है। गांव-गांव जाकर जनता से जुड़ना, उनकी समस्याओं को समझना और समाधान का रास्ता खोजना ही जनसुराज की असली पहचान है।

जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों ने बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी समस्याओं को खुलकर रखा। प्रत्याशी हर्षवर्धन ने कहा कि जनसुराज सरकार बनने के बाद इन सभी मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार को विकास का मॉडल नहीं, एक विज़न चाहिए — ऐसा विज़न जो गांवों से निकले, जनता के दिल से निकले। जनसुराज उसी का प्रतीक है। लोगों ने जनसुराज के इस अभियान को “आशा की नई किरण” बताया। ग्रामीणों ने कहा कि वे अब उन पुराने वादों से थक चुके हैं जो चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं। इस बार वे ऐसे नेतृत्व के साथ खड़े हैं जो उनसे मिलने उनके दरवाजे तक आया है।

कार्यक्रम के दौरान स्थानीय युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और जनसुराज के विज़न को घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के विचार — “जनता ही जनसुराज की ताकत है” — को दोहराते हुए तथागत हर्षवर्धन ने कहा कि बिहार में असली विकास तब होगा जब जनता शासन के केंद्र में होगी। उन्होंने अंत में कहा कि यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, सोच बदलने का अवसर है। बिहार को अब उम्मीद, ईमानदारी और जनभागीदारी के रास्ते पर चलना होगा।

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