अवैध कारोबार के खिलाफ आवाज़ उठाना बुज़ुर्ग को पड़ा भारी, लाठी-डंडे और रॉड से पीट किया जख्मी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के चक्की थाना क्षेत्र के परसिया गांव में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। अवैध कारोबार के खिलाफ आवाज़ उठाना 70 वर्षीय बुजुर्ग श्रीनिवास पांडेय को इतना महंगा पड़ा कि उन्हें लाठी, डंडों और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया गया। हमलावरों ने उनके सिर पर इतने वार किए कि खून से लथपथ अवस्था में वो ज़मीन पर गिर पड़े और तड़पते रहे। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और बुजुर्ग को गंभीर हालत में चक्की पीएचसी ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया।







घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित ने जिन सात लोगों को आरोपित किया है, वे सभी गांव के ही निवासी हैं। रामायण यादव, धनलाल यादव, मनलाल यादव, संतोष यादव, जयराम यादव, हरिलाल यादव और गणेश यादव। बताया जा रहा है कि इन सभी पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है और श्रीनिवास पांडेय लगातार इसका विरोध करते आ रहे थे। यही विरोध अब उनके लिए जानलेवा बन गया।

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई:
चक्की थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि इस घटना में शामिल दो मुख्य आरोपित धनलाल यादव और मनलाल यादव (दोनों पिता रामायण यादव) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं, अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि यह मामला दो पक्षों के बीच चल रहे पुराने विवाद से जुड़ा है और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दूसरा पक्ष भी कर रहा भेदभाव का आरोप:
वहीं, दूसरे पक्ष ने भी मामले को पलटने की कोशिश करते हुए पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
गांव में दहशत का माहौल:
घटना के बाद परसिया गांव में दहशत का माहौल है। लोग डरे हुए हैं कि कहीं कोई फिर से इस तरह की वारदात को अंजाम न दे। वहीं, बुजुर्ग श्रीनिवास पांडेय की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।
अब सवाल ये उठता है : क्या अवैध कारोबार के खिलाफ बोलना इस कदर खतरनाक हो चुका है कि किसी की जान पर बन आए? क्या पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई कर पाएगी या फिर दबंगई के आगे कानून भी कमजोर पड़ जाएगा?
यह मामला सिर्फ एक गांव या एक बुजुर्ग का नहीं, यह आवाज़ है उन सभी लोगों की जो अन्याय और अवैधता के खिलाफ खड़े होते हैं। अब देखने वाली बात ये होगी कि न्याय की गूंज लाठी-डंडों के शोर को दबा पाएगी या नहीं।

