कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण और चौसा के किसानों पर हुए हिंसक दमन के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने निकाला दमन-विरोधी मार्च
संयुक्त किसान मोर्चा , बिहार ने विरोध प्रदर्शन आयोजित कर राज्य सरकार और बक्सर पुलिस- प्रशासन को चुनौती दी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बिहार में विकास के नाम पर कानून को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से चल रहे कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण और चौसा के आन्दोलनकारी किसानों पर हुए हिंसक राज्य दमन के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने बक्सर में बुधवार को दमन-विरोधी मार्च का निकाला।








दमन विरोधी मार्च किला मैदान ने निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे इस दौरान “जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं चलेगा”, “विकास योजनाओं के नाम पर कृषि भूमि की लूट बंद करो”, “चौसा के किसानों पर हिंसक दमन क्यों? नीतीश सरकार जवाब दो”, “जन आंदोलनों पर पुलिसिया दमन बंद करो”, “कृषि भूमि संरक्षण कानून बनाओ”, “जल-जंगल-जमीन की लूट बंद करो”, “आंदोलनकारी किसानों पर लादे गए मुकदमे वापस लो”, “गिरफ्तार किसानों को रिहा करो” जैसे नारे लगाए जा रहे थे। मार्च निकालने के पूर्व किला मैदान में एक सभा का आयोजन किया गया जिसे विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की जिसमें अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव विनोद कुमार और अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा शामिल थे। विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। यहां प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बिहार इकाई के बैनर तले वहां एक सभा का आयोजन किया।



सभा को अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव बीजू कृष्णन, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव और आरा के सांसद सुदामा प्रसाद, क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दर्शन पाल, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा की बिहार इकाई के सचिव अशोक बैठा, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता रामदेव सिंह यादव, बिहार राज्य किसान सभा के नेता सत्तार अंसारी, किसान एकता मंच (धनरूआ, पटना) के नेता उमेश शर्मा, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेता रामचन्द्र सिंह, भूमि अधिग्रहण विरोधी आन्दोलन (धनरूआ) के नेता मनीष कुमार, चौसा किसान आन्दोलन के नेता रामप्रवेश यादव, बिहार किसान समिति के नेता पुकार, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रांतीय सचिव मंडल के सदस्य इन्द्रदेव राय और क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता मनोज कुमार , जय किसान आन्दोलन के नेता जानकी पासवान तथा डुमरांव के विधायक अजित कुमार सिंह ने सम्बोधित किया।
अंत में प्रतिनिधिमंडल ने उप विकास आयुक्त महेंद्र पाल को छ: सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। जिसमें कहा गया कि 20 मार्च, 2024 के चौसा पुलिस दमन कांड के पूरे मामले की जांच एक उच्च स्तरीय न्यायिक समिति से कराई जाए। पुलिस दमन में शरीक बक्सर जिला के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को दंडित किया जाए। कैग की रिपोर्ट में बक्सर के जिन अधिकारियों पर उंगली उठाई गई है, उनको तत्काल निलंबित किया जाए। जिन किसानों पर फर्जी मामले दायर करके उन्हें जेल में बंद कर दिया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। किसानों के ऊपर दायर मामले वापस लिए जाएं। पुलिस दमन के दौरान किसानों को हुई जान-माल की क्षति के लिए अविलम्ब समुचित मुआवजा दिया जाए। अपने ऊपर हुए दमन के खिलाफ कोर्ट गये किसानों पर मुकदमा वापस लेने के लिए पुलिस-प्रशासन किसानों को धमकाना व उनपर दबाव बनाना बंद करे। भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन कर कृषि भूमि के जबरन भूमि अधिग्रहण पर सख्ती से रोक लगाई जाए।बिहार में पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिसके चलते इस मामले में हर जगह अनदेखी की जा रही है। इसलिए राज्य में पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन को लेकर स्पष्ट नीति बनायी जाए और उसे सख्ती से लागू किया जाए। कार्यक्रम में उमेश सिंह, विनोद कुमार, अशोक बैठा, पुकार, इन्द्रदेव राय, उमेश शर्मा, जानकी पासवान, रामचन्द्र सिंह, मनोज कुमार समेत सैकड़ो लोग शामिल हुए।

