“कालीदह लीला” में जब भगवान श्रीकृष्ण कालिया नाग को नागनाथ कर यमुना जी में ऊपर आते है तो जयकारे से गूंज उठा पूरा पंडाल




न्यूज़ विज़न । बक्सर
किला मैदान स्थित रामलीला मंच पर रामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के पांचवे दिन बुधवार कोवृंदावन से के श्री नंद नंदन रासलीला एवं रामलीला मंडल के पारंगत कलाकारों द्वारा मंडल के स्वामी श्री करतार व्रजवासी के निर्देशन में दिन में कृष्ण लीला के क्रम में “कालीदह लीला” का मंचन किया गया।








कालीदह लीला में दिखाया गया कि यमुना के कालीदह के विषैले पानी को शुद्ध कराने के लिए मथुरा के राजा कंस को नारद मुनी ने सलाह दी कि जिस कालीदह में कालिया नाग रहता है उसमें नीलकमल के फूल खिले हुए हैं। नंद बाबा से पूजा के लिए एक करोड़ नीलकमल के फूल की मांग करें। जब भगवान कृष्ण फूल तोड़ने काली दह में जाएंगे तो उनकी मौत हो जाएगी।उनके सलाह पर कंस ने नंद बाबा के यहाँ नीलकमल फूल लिए संदेश भेजा गया. खबर पहुचते गोकुल वासी भयभीत हो गए। यह देखकर श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ कालीदह स्थित जाकर गेंद का खेल खेलते हैं और खेलते खेलते जान बूझकर कालीदह में गेंद फेंक देते हैं। जब वही गेंद लाने के लिए सखा सुदामा ने हठ की तो भगवान काली दह में कूद गए। उस समय गोकुल में हाहाकार मच गया. नंद बाबा, यशोदा मैया के विलाप से यज्ञ मंडप में सन्नाटा छा गया. भगवान श्री कृष्ण जब नागनाथ कर ऊपर आए तो उनके जयकारों से पंडाल गूंज उठा तथा रासलीला देख दर्शक भाव विभोर हो गए। भगवान के दर्शन व आरती कर श्रद्धालुओं ने माथा टेका।

