पांच सूत्री मांगों को लेकर पशु टीका कर्मियों का हड़ताल सातवें दिन भी रहा जारी




न्यूज विजन । बक्सर
जिला पशु टीकाकर्मी के पांच सूत्री मांगों को लेकर 23 सितंबर से जारी अनिश्चित कालीन हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहा। जिससे जिले में पशुओं के टीकाकरण समेत अनेक कार्य प्रभावित हो रहा है। हड़ताल के दौरान पशु टीकाकर्मी जिला पशुपालन कार्यालय के समक्ष जिलाध्यक्ष बिनोद कुमार राकेश की अध्यक्षता में धरना पर बैठकर विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
धरना को संबोधित करते हुए जिला सचिव कृष्णा ठाकुर ने कहा की हमलोगो को प्रतिमाह एक निश्चित मानदेय दिया जाए। विभाग के सभी योजना आधारित कार्य ही सिर्फ नहीं करेगें अपितु हमें विभाग से समायोजित या नियोजित किया जाए। हम सभी पशु टीकाकर्मी का कार्य के दौरान हमेशा जान जोखिम में बना रहता है एवं आए दिन हमलोग घायल होते रहते है। जिसके लिए हम सभी टीका कर्मीयों का स्वास्थ एंव जीवन बीमा करवाया जाए। टीकाकर्मी को उम्र सीमा एवं अनुभव के आधार पर छुट देते हुए विभाग में समायोजित या नियोजन किया जाए।








टीकाकर्मी नरेंद्र कुमार ने कहा की हमलोगों द्वारा टीकाकरण, एफ. एमडी. सी. पी. एस. एस. वी क्यू. सेलोसिस, पी.पी.आर डिर्वमिंग, लम्पीस्कीन डीजिज वलास्किम स्वाइन फिवर, पशुगणना, कृत्रिम गर्भाधान, बाझपन, शिविर प्रचार प्रसार ईयर टैगिंग सभी कार्य टीकाकर्मी से कराया जाता है। सरकार द्वारा निर्देश आता है कि टीकाकरण प्रति पशु 4 रु की दर से दिया जाएगा और अपलोड के लिए 2 रु दिया जाएगा। कार्य समाप्त होने के बाद बताया जाता है कि प्रति जानवर 4 रु के दर से मिलेगा। तथा उसी में टीकाकर्मी को अपलोड करना होगा जबकि एक मजदूर का मजदूरी 400 रु नगद तथा नास्ता भोजन मिलता है। जबकि सबसे गया गुजरा पशु टीकाकर्मी ही है कि 200 रु मजदूरी लेकर अपना खाना खाकर दिन भर टीकाकरण कार्य करता है और वो पैसा दो वर्ष के वाद मिलता है। पशु से टीकाकर्मी को चोट लग जाता हैं या मृत्यु हो जाती है तो टीकाकर्मी अपना पैसा से दवा कराता है। इसलिए सभी टीकाकर्मी अपनी मांगो को लेकर अनिश्चित हडताल किए है जो की मांगों की पूर्ति होने तक जारी रहेगा।
धरना को दिनेश कुमार सिंह, अकबर, सत्येन्द्र कुमार, अशोक सिंह, अमीत, कृष्णा, परमजीत, सत्यम, हरिकिशुन, धनिक लाल, उमेश, जीतेन्द्र, दिलखुश, अशोक भारती, परमजीत, सिद्धेश्वर, धमेन्द्र ओझा, नरेन्द्र सुमन, भदेश्वर, विजय शंकर, रामेश्वर, विद्यासागर, अरविन्द कुमार सिंह, विरबहादुर, रविरंजन, मुरलीमनोहर, बिनोद गोसाई, श्यामदेव, धनजी आदि ने संबोधित किया।




