अर्जुनपुर की दीक्षा राय यूपीएससी में 374 वां रैक प्राप्त कर बिहार का नाम रोशन किया
वर्ष 2020 में बीपीएससी क्रैक कर रोहतास के दावथ में बनी थी राजस्व पदाधिकारी




बक्सर। लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी करने वालों की हार नही होती। बस जरूरत है दृढ़ संकल्प की। कुछ ऐसा ही कर जिले के अर्जुनपुर की बेटी दीक्षा राय यूपीएससी में 374 वां रैक प्राप्त कर न केवल जिले का बल्कि बिहार का नाम रोशन किया है। शुरू से जॉब के साथ समाज सेवा करने के उद्देश्य से पढ़ाई करने वाली दीक्षा 2020 में बीपीएससी की परीक्षा क्रैक कर राजस्व पदाधिकारी के रूप में रोहतास जिले के दावथ में योगदान किया। जहां नौकरी करते हुए अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहते हुए एंथ्रोपोलॉजी सब्जेक्ट को ऑप्शनल के रूप में रखते सेल्फ स्टडी करते हुए यह सफलता हासिल कर छात्र छात्राओं के लिए प्रेणना की स्रोत बनी है।
दीक्षा ने जानकारी देते हुए बताया कि पिताजी धर्मेंद्र राय हावड़ा में आरपीएफ हेडकांस्टेबल है। जो की रिजल्ट सुनते ही पिता व माता आनन्दी राय की आंखे खुशी से भर आयी। वही दादी बलेश्वरी देवी ने पोती की सफलता पर खुशी जाहिर की। दो भाइयों में दिव्यांशु राय(इंजीनियरिंग) व छोटा भाई दिग्विजय राय अभी दसवीं में पढ़ाई कर रहे हैं। पिता के ट्रांसफरेबल जॉब की वजह से प्रारम्भिक पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय अंडाल से 12 वीं तक की। इसके बाद विश्व भारती यूनिर्वसिटी शांति निकेतन से कम्प्यूटर साइंस से बीएससी ऑनर्स किया। बिना कोचिंग की तैयारी करने वाली दीक्षा को जब पहली बार सफलता नही मिली तो निराश नही हुई। तैयारी करती रही। इसी दौरान बीपीएससी क्वालीफाई कर नौकरी करने लगी। किन्तु अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में जुटी दीक्षा ने आखिरकार 2023 की यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक कर माता पिता के सपने को साकार करते हुए जिले प्रतियोगी छात्र व छात्राओं के लिए प्रेणना की स्रोत बनी है। अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व भाई बहन को देती हैं।
चुनौतियों को स्वीकार करने पर मिलती है सफलता








दीक्षा राय अपनी सफलता पर कहती है कि पापा हमेशा मुझे मोटिवेट करते हुए करंट अफेयर्स के प्रति सजग करते रहते थे। वही मां पढ़ाई के समय से लेकर परीक्षा दिलवाने तक साथ निभाती रही। ऐसे में चुनौतियों को स्वीकार कर सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए नियमित रूप से पढ़ाई करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सपने देखना चाहिए और विश्वास के साथ डेडिकेशन के साथ कठिन परिश्रम कर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

