चौसा किसान आंदोलन के संयोजक रहे अशोक तिवारी का संदिग्ध परिस्थितियों में मिला शव, एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े ग्रामीण




न्यूज़ विज़न। बक्सर
चौसा थर्मल पावर प्लांट के खिलाफ आंदोलन की नींव रखने वाले प्रभावित किसान मजदुर यूनियन के संयोजक रहे किसान नेता अशोक तिवारी का गुरुवार की सुबह सिकरौल गॉव के बाहर सड़क किनारे चाट में लगे पानी में शव मिला। ग्रामीणों द्वारा शव देखे जाने के बाद मौके पर बनारपुर, सिकरौल के ग्रामीणों के साथ सैकड़ों किसान नेता पहुंच पुलिस को सूचित किये। वही पुलिस को पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने हत्या की आशंका पर शव को उठाने के लिए एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े हुए है। वही मौके पर मुफसिल और राजपुर थाना की पुलिस मौजूद है।











प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान नेता अशोक तिवारी बुधवार की रात अपने गांव के दुर्गा पूजा पंडाल में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण कर रहे थे इसी बीच रात 10 बजे के बाद वह कहीं चले गए और किसी को दिखाई नहीं दिए। सुबह जब सिकरौल गांव के लोग बाहर निकले तो उन्होंने सड़क किनारे खेतों में अशोक तिवारी का शव पड़ा हुआ देखा। जो औंधे मुंह गिरे हुए थे बाद में जब लोगों ने शव को पानी से बाहर निकाला तो यह देखा कि उनके नाक से खून आ रहा था, साथ ही शरीर पर चोट के निशान भी हैं। घटना की जानकारी देखते ही देखते पूरे गांव में फैल गई और स्थानीय लोगों के साथ-साथ मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। वही, इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताते हुए एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े हुए है। मुफस्सिल थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया की शव मिलने की जानकारी के तुरंत बाद मौके पर पहुंच गए थे और एफएसएल टीम को सूचित कर दिए जो की मौके पर पहुंच गई है और जाँच कर रही है वही मौके पर सदर एसडीपीओ भी पहुंच चुके है साथ ही राजपुर थाना पुलिस मौजूद है। लेकिन ग्रामीण एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े हुए है।
वही ग्रामीणों ने बताया की किसान आंदोलन के संयोजक रहे थे लेकिन ये अब अपने को उस आंदोलन से अलग कर लिए थे। वही इनके घर में पत्नी और एक पुत्र है। साथ ही ग्रामीणों ने कहा की काफी मददगार व्यक्ति थे लेकिन इस तरह की घटना क्यों हो गयी पुरे गांव को अचंभित करने का विषय है।

