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लगातार प्रयास करते करते मुंशी प्रेमचंद पूरी दुनिया के लिए महान कथाकार एवं उपन्यासकार बन गए : सुरेंद्र

मुंशी प्रेमचन्द के जयंती पर के के मंडल महिला महाविद्यालय में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

न्यूज विजन । बक्सर
सोमवार को डॉक्टर के.के. मंडल महिला महाविद्यालय के सभागार में मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर अनिल कुमार ने किया एवं विधिवत संचालन प्रोफेसर रामाधार सिंह द्वारा किया गया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए हिंदी विभाग के प्रोफेसर सुरेंद्र प्रसाद ने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचन्द को लेखक, रचनाकार बनने में उनकी माता और उनसे उम्र में बड़ी कर्कशा पत्नी का बहुत बडा योगदान रहा है। दोनों की उपेक्षा से शिकार होकर घंटों बागीचे में जाकर बार बार लिखते थे फिर उसको फाड़ते थे फिर लिखते थे, इस प्रकार के लगातार प्रयास करते करते समय ने भारतवर्ष ही नहीं वरन पूरी दुनिया के लिए एक महान कथाकार एवं उपन्यासकार बन गए। जिसका लोहा दुनिया आज तक मानती है और मानती रहेगी।
पंच परमेश्वर में न्याय पक्ष को दर्शाया, ईदगाह में अपनी दादी के हाथों रोटी बनाते जलते हाथो को महसूस कर मिठाई के पैसे से चिमटा खरीदा, गबन में अपनी पत्नी की ख्वहिश पूरी करने के लिए गबन करा डाला, नमक के दारोगा वंशीधर के ईमानदारी की भावना को दिखाया।
उपन्यास गोदान में मरने से पहले गाय दान में उलझे होरी की अंतर वेदना को सामने इसी प्रकार अपनी अन्य कहानियों में उपन्यासों के माध्यम से समाज के तमाम वर्गों के लोगों की मानसिक पीड़ा, अंतर्द्वंदों को अपनी रचनाओं में समेटकर हम सभी के सामने रखे। उनकी रचनाएं आज के सभी साहित्करों को प्रेरित करता कुछ सीखने और समझने के लिए की रचना करना एक तपस्या है। संगोष्ठी में डॉ मोहन सिंह, प्रोफेसर इंद्रमणि लाल, प्रोफेसर पंकज कुमार, प्रोफेसर नरेंद्र कुमार, रवि रंजन, मनोज कुमार, मीनाक्षी सिंह के अलावा अन्य शिक्षक एवं छात्राएं उपस्थित रही।

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