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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशाओं को डराना धमकाना बंद करे अन्यथा डीएम कार्यालय पर होगा विशाल प्रदर्शन

न्यूज विजन । बक्सर
बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर के आह्वान पर संयुक्त मंच द्वारा बुधवार को आठवें दिन भी हड़ताल जारी रहा। सदर प्रखंड परिसर में आयोजित धरना की अध्यक्षता मीरा कुमारी ने किया और अपनी 9 सूत्री मांगों के समर्थन में नारा लगाते हुए सरकार को चेतावनी दी है अगर सरकार की कुंभकरण की नींद रा नहीं टूटती है तो अब और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी।
धरना को संबोधित करते हुए आशा कर्मियों ने कहा की जिला प्रशासन के द्वारा भ्रम की स्थिति पैदा की जाती है और पत्र निर्गत किया जाता है कि कुछ ऐसा काम कर रही है और कुछ नहीं कर रही है जबकि बिहार के उच्च पदाधिकारी इस बात से अवगत है कि आशा के हड़ताल के वजह से टीकाकरण संस्थागत प्रसव में कमी आई है और अपनी मांगों के लिए लड़ रही आशाओं को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। जब चिकित्सा पदाधिकारी हड़ताल करते हैं उनकी हड़ताल जायज है और जब आशा हड़ताल करती है तो यह नाजायज कैसे हो सकता है। इसलिए सिविल सर्जन से आग्रह किया है की हमारी मांग को राज्य सरकार के पास पहुंचाने का काम करें और आशाओं को हड़ताल से वापस आने का लालच देना बंद करें। जब सुदूर जिलों में चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ कोई घटना घटी है तो पूरे बिहार के चिकित्सा पदाधिकारी सिविल सर्जन सहित काला पीला लगाते हैं। और चिकित्सक आउटडोर का बहिष्कार करते हैं। उस समय यह जनहित दिखाई नहीं पड़ता है और अपनी पेट पालने के लिए आशा जब हड़ताल करती है तो यह लगता है। जबतक 9 सूत्री मांगों की पूर्ति नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगा और प्रशासन अपना रवैया नहीं बदलता है एक जबरदस्त प्रदर्शन जिला पदाधिकारी के समक्ष किया जाएगा। विभिन्न प्रखंडों में आशाओं का लड़ाई का समर्थन तमाम लोग कर रहे हैं। आशा के जिला संयोजक एवं राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा ने सिविल सर्जन से आग्रह किया है कि अपने जिला में आशाओं से की जा रही नाजायज वसूली पर रोक लगाई जाए। कोरोना काल के पैसे दिलाए जाएं, अश्वनी पोर्टल के पूर्व के बकाए का भुगतान कराया जाए, सभी आशाओं को समय से सभी योजनाओं का लाभ दिया जाए न की हड़ताल तोड़ने की कोशिश की जाए। मौके पर मीरा कुमारी, अभिराजो देवी, नीतू, संतोषी, माया देवी, बबीता, मनोज चौधरी, सुनीता कुमारी समेत सैकड़ों आशा कर्मी मौजूद रही।

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