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जिले में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, 4 सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार

न्यूज विजन | बक्सर
जिले में तेजी से बढ़ रही गंगा अब प्रशासन समेत लोगो को डराने लगी है। जलस्तर में तेजी से हाे रही बढ़ाेतरी हाे रही है। जानकारी के अनुसार 24 घंटे में 81 सेंमी पानी बढ़ा है। केंद्रीय जलायाेग से बीते दिनों गंगा का जलस्तर 54.350 मीटर मापा गया था। वहीं शनिवार काे सुबह 8 बजे 55.160 मीटर रिकार्ड किया गया है। जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ाेतरी हाे रही है। सीडब्ल्यूसी के जेई की मानें ताे गंगा का जलस्तर 4 सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाेतरी दर्ज की जा रही है। गंगा नदी में लगातर बढ़ रहे पानी काे देख बाढ़ की अाशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

चेतावनी बिंदु से 4.6 मीटर दूर है गंगा का जलस्तर
बक्सर में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 4.6 मीटर दूर है। सीडब्ल्यूसी से मिली जानकारी के अनुसार यहां गंगा का चेतावनी बिंदु 59.320 मीटर अाैर डेंजर लेबल 60.320 है। फिलहाल में जाे गंगा का जलस्तर है उससे बाढ़ का खतरा नहीं है, लेकिन जिस तरह से गंगा के पानी में लगातार बढ़ाेतरी दर्ज की जा रही है उसे देख कुछ कहना अासान नहीं हाेगा। शुक्रवार काे पानी बढ़ने की रफ्तार 2 सेंमी प्रति घंटे का था। वहीं अाज 4 सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से पानी में बढ़ाेतरी हाे रही है। यही स्पीड बनी रही ताे चेतावनी बिंदु तक पानी पहुंचने में समय नहीं लगेगा। शहर के रामरेखा घाट, नाथ बाबा घाट, सिद्धनाथ घाट समेत अन्य घाटाें की सीढ़ियाें पर गंगा का पानी चढ़ने लगा है।

बाढ़ से सबसे अधिक दियारा क्षेत्र में हाेता है नुकसान
तटीय इलाकाें में गंगा का पानी पसरना शुरू हाे गया है। गंगा नदी में बढ़ रहे पानी काे देखकर तटीय इलाके लाेग सकते में हैं। बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान दियारा क्षेत्र के गांवाें में हाेता है। बता दें कि चाैसा, बक्सर, अहिराैली, मंझरिया, केशवपुर, नैनीजाेर, चक्की, जवहीं दियर, गंगाैली, कलीका राय के डेरा समेत दर्जनाें गांव में बाढ़ का पानी घुस जाता है। गंगा में बढ़ रहे पानी काे देखते हुए अभी से ही सजग दिख रहे हैं। बाढ़ का पानी घुसने की स्थिति में कैसे सुरक्षित रहेंगे इसका भी इंतजाम करने लगे हैं। मंझरिया के रविंद्र सिंह, अहिराैली के जय शंकर, चक्की के राधा यादव समेत अन्य लाेगाें ने कहा कि गंगा के कछार पर सब्जी फसल की खेती करते हैं। बाढ़ के पानी से फसल नुकसान हाे जाता है। सही मायने में देखा जाय ताे बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन की अाेर से जाे व्यवस्था की जाती है वह अप्रयाप्त साबित हाेता है। हलांकि बीते दिनाें डीएम ने बाढ़ क्षेत्र का दाैरा कर प्रशासनिक अधिकारियाें काे अावश्यक निर्देश दिया था अाैर स्थानीय लाेगाें की समस्या से भी अवगत हुए थे।

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