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बच्चों के आधार की अनिवार्यता के लिए जिला प्रशासन विद्यालय और बस्तियों में कैम्प लगाकर बनवाएं आधार : प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

शिक्षा विभाग द्वारा हर रोज नए नए नियम लगा, यु डायस एवं रजिस्ट्रेशन रद्द करने की धमकियों से अजीज आ गए है निजी विद्यालयों के संचालक 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन बक्सर के तत्वावधान में नगर के बाईपास रोड स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल परिसर में प्राइवेट स्कूलों के संचालकों की एक मीटिंग आयोजित की गयी। जिसमे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा हुई जिसका सरोकार विद्यालयों से, बच्चों से, एवं अभिभावकों से भी है। शिक्षा विभाग सभी बच्चों का आपार आईडी जनरेट करना चाहता है और इसमें विद्यालयों को काफी अड़चन आ रही है।

 

बैठक के दौरान मुख्य रूप से बच्चों का प्रोफाइल, एक बच्चे का एक से ज्यादा स्कूल में नामांकन, शिक्षक का प्रोफाइल, आपार जनरेशन, पेन नंबर जनरेशन, RTE के लिए ज्ञानदीप पोर्टल पर इंटक का मामला, RTE से नामांकन, RTE के बच्चों का स्कूल को रीइंबर्समेंट, परिवहन से से संबंधित परेशानियां, बहुत सारे विद्यालयों को अभी तक UDISE CODE, नहीं मिल पाया है और बहुत सारे विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण होने के उपरांत भी रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पा रहा है। इन सारी समस्याओं को लेकर के शिक्षा विभाग एवं जिला पदाधिकारी को अवगत कराने के लिए सभी संबंधित प्रबंधकों एवं प्राचार्यों ने अपनी बातें रखी। समय-समय पर शिक्षा विभाग के कर्मचारी एवं परिवहन विभाग के पदाधिकारी धमकी भरा बयान देते रहते हैं कि यदि अमुक काम किसी विशेष निर्धारित तारीख तक अगर नहीं होता है तो आपका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर देंगे, यू डाइस कैंसिल कर देंगे, फाइन कर देंगे इत्यादि-इत्यादि।

 

विदित हो कि विद्यालय का आधार कार्ड बनवाने में कोई भूमिका नहीं होती। विद्यालयों में नामांकन को लेकर के प्रशासन एवं न्यायपालिका का पहले यह दिशा निर्देश होता था कि बिना जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड का ही एडमिशन लिया जाए अब जब किसी प्रकार का आईडी जेनरेट करने के लिए चाहे वह ई शिक्षा कोष के लिए हो या यु डायस प्लस के लिए हो अगर आधार की अनिवार्यता हो तो जिला प्रशासन को चाहिए कि वह विद्यालय-विद्यालय बस्ती- बस्ती कैंप लगाकर और बड़े पैमाने पर आधार सेंटर खोल करके सभी बच्चों का आधार बनवाए या प्रक्रिया तेज करें। जब तक सभी स्कूलों को यू डांस प्लस ना मिल जाता या उसकी मान्यता नहीं हो जाती तब तक पेन या अपार आईडी का क्या महत्व होगा। क्या वैसे बच्चे इनवेलिड होंगे जिन स्कूलों की मान्यता अभी सरकार ने नहीं दी है या  यु डायस नंबर नहीं दिया है। जिला प्रशासन को इन बातों पर गंभीरता से सोचना होगा। परिवहन विभाग को भी स्कूल परिवहन एवं सामान्य परिवहन में अंतर को समझना होगा। परिवहन विभाग को जाम संबंधी समस्याओं से भी विद्यालय को निजात दिलानी होगी। विद्यालय में परिवहन की व्यवस्था मुनाफे के लिए नहीं होती है और जहां RTE के तहत मुफ्त शिक्षा दी जा रही है वहीं विद्यालय के परिवहनों पर विभिन्न कानून थोप करके शिक्षा को महंगी करने का प्रयास भी प्रशासन के निर्णय का ही प्रतिफल है। अतः इस पर संबंधित सभी विभागों को गंभीरता से विचार करना होगा। मीटिंग में मुख्य रूप से अध्यक्ष अजय मिश्रा, निर्मल कुमार सिंह, सरोज सिंह, रविंद्र सिंह, प्रदीप पाठक, भरत प्रसाद, संजीव ओझा, प्रकाश पांडे, धीरज पांडे सहित लगभग 40 विद्यालयों के संचालक और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 

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