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राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1422 मामले, वादों के निपटारा के लिए बनाए गए थे कुल ग्यारह बेंच

04 करोड़ 04 लाख 32 हजार 07 सौ 12 रुपए की समझौता राशि के मुकदमों का सुलह के आधार पर निपटारा कराया गया

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिला विधिक सेवा प्राधिकार बक्सर के तत्वावधान में शनिवार को वर्ष 2025 का द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन हर्षित सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार,  मनोज कुमार, प्रथम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब  न्यायालय, डीएम अंशुल अग्रवाल, एसपी शुभम आर्य एवं उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी और नेहा दयाल, अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार एवं उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर  बबन ओझा अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ, सचिव बिंदेश्वरी पांडे, जिला अधिवक्ता संघ एवं व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर मंच का संचालन नेहा त्रिपाठी, मुंसिफ द्वितीय ने किया l लोक अदालत पूर्वाहन समय दस बजे शुरू की गई। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वाद के 1422 मामले का निपटारा कराया गया।

 

उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत सुलभ और एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे।  मौके पर उपस्थित डीएम -सह- उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार अंशुल अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं।  वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है।  दोनों पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।

 

राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 367 वाद का निष्पादन हुआ l  जिसमे 1,87,77,698/- एक करोड़ सतासी लाख सत्तहत्तर हजार छ सौ अन्ठानवें रुपए के समझौता राशि पर हस्ताक्षर हुआl अन्य वाद जिसमे यातायात के कुल 620,  आपराधिक  84 वाद, विद्युत वाद के 126 मामले का निपटारा कराया गया।  विभिन्न बैंकों के रेकवेरी के 222 मामलों जिसमे हुए निष्पादन पर इस दौरान कुल 02 करोड़ 14 लाख 69 हजार पाँच सौ अटहतर रुपए की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किया गया। मौके पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, उदय प्रताप सिंह, मनीष कुमार शुक्ला, अनुपम कुमारी, संजीत कुमार सिंह, देवराज , अवर न्यायाधीश, भोला सिंह, महेश्वर कुमार पांडेय वही , न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, ज्योत्सना ज्योति, चंदन  कुमार पीठ में उपस्थित थे l पैनल अधिवक्ता मोहम्मद जावेद, रामानंद मिश्रा, ठाकुर विजय कुमार, प्रमोद कुमार, अखिलेश्वर दुबे, विमलेश कुमार, ज्योति शंकर, धर्मेंद्र कुमार, राजीव कुमार मिश्रा, अनिल कुमार दुबे, रवि प्रकाश, विष्णु दत्त द्विवेदी, वही प्राविधिक स्वयंसेवक में  कविंद्र पाठक मदन प्रसाद प्रेम प्रकाश चौबे , कुमारी  रिंकी, रवि रंजन सिंह, आदि वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, प्रधान लिपिक संजय कुमार, राजीव कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, कवींद्र नाथ पाठक, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, गजेंद्र नाथ दुबे, ओम प्रकाश सिंह, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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