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मानव और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को समझाना जरूरी, तभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे : जिला जज 

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

न्यूज़ विज़न। बक्सर 

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में व्यवहार न्यायालय स्थित कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय भवन विधिक सेवा सदन में बुधवार को  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद नंदन सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मनकामेश्वर प्रसाद चौबे, प्रभाकर दत्त मिश्रा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, देवेश कुमार एवं उपस्थित अन्य न्यायाधीशों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसका संचालन विधिक सहायता प्रतिरछा प्रणाली, के डिप्टी चीफ संजय कुमार चौबे ने की।

 

 

विधिक जागरूकता  सम्बोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, आनंद नंदन सिंह ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण से संबंधित कानून, न्यायिक घोषणाएं, साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में उपस्थित लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता है। हर साल 5 जून के दिन दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1974 को मनाया गया था। पर्यावरण खतरों के बारे में और इससे होने वाले नुकसान को कैसे रोका जा सकता है। इन चीजों के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। पर्यावरण संरक्षण हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मानव और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को समझाना जरूरी है। तभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।

 

उन्होंने कहा कि साल 1972 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसके बाद से हर साल यह दिन मनाया जाने लगा। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में “केवल एक पृथ्वी” थीम के साथ मनाया गया था। लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति मानव जीवन का आधार है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है। ऐसे में इसका दोहन हमारे जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। प्रकृति को प्रदूषण और दूसरे खतरों से बचाने के उद्देश्य से ही पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और ऊर्जा संरक्षण जैसे उपायों को अपनाकर हम पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।

 

इस अवसर पर व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवराज, सुनील कुमार सिंह अवर न्यायाधीश, रामचंद्र प्रसाद, आरती जायसवाल, साथ ही सभी न्यायिक पदाधिकारी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बबन ओझा, विधिक सहायता प्रतिरक्षा परामर्श प्रणाली के चीफ विनय कुमार सिंहा, डिप्टी चीफ कुमार मानवेंद्र, संजय कुमार चौबे एवं सहायक काजल कुमारी, अभिनव वशिष्ट, आकाश कुमार श्रीवास्तव एवं विकास यादव वही पैनल अधिवक्ता दीपिका कुमारी केशरी, अखिलेश्वर दुबे, रामा नंद मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिन्हा, कंचन कुमारी, चंद्र विजय सिंह, चंद्रकला वर्मा एवं अन्य विधिक सेवक सुंदरम कुमार, प्रेम प्रकाश पाठक, नीतू कुमारी रुकैया, दीपक कुमार, अंजुम कुमार रावत, द्वारा व्यवहार न्यायालय, बक्सर स्थित न्याय वाटिका में वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया।

 

कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 13 जुलाई 2024 साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में लगने वाले विशेष लोक अदालत दिनांक 29 जुलाई 2024 से 3 अगस्त 2024 तक के सफल आयोजन के लिए एक प्रभात फेरी का भी आयोजन किया गया। माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर द्वारा हरी झंडी दिखाकर प्रभात फेरी को रवाना किया गया। इस प्रभात फेरी में सम्मिलित पैनल अधिवक्ता, विधिक स्वयंसेवक ने इस दौरान लोक अदालत से होने वाले लाभ के बारे में आम लोगों को बताया। जिला बार एसोसिएशन, पुस्तकालय भवन, जिला समाहरणालय पथ से होते हुए अंबेडकर चौक, ज्योति चौक होते हुए पुनः कार्यालय पहुंचे। इस दौरान रास्ते में मिलने वाले सभी लोगों को उन्होंने विशेष लोक अदालत, राष्ट्रीय लोक अदालत से होने वाले फायदे के बारे में उन्हें अवगत कराया।

 

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