“आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं” अंधविश्वास प्राचीन काल से ही दुनिया भर में व्याप्त रहा है : रामेश्वर मंडल
हरी नारायण साह भुवनेश्वर जनता महाविद्यालय धनसोइ के मैदान में आयोजित हुआ शिव परिचर्चा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शिव शिष्य परिवार के तत्वावधान में रविवार को हरी नारायण साह भुवनेश्वर जनता महाविद्यालय धनसोइ के मैदान में “आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं” एवं जगतगुरु भगवान शिव के गुरु स्वरूप एवं उनकी शिष्यता विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शिव शिष्य प्रोफेसर रामेश्वर मंडल ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा।








उन्होंने परिचर्चा के दौरान कहा कि अंधविश्वास प्राचीन काल से ही दुनिया भर में व्याप्त रहा है। अंधविश्वास एक तर्कहीन विश्वास है जिसका आधार अलौकिक प्रभावों की मनगढ़ंत व्याख्या है। अंधविश्वास की चंगुल में अशिक्षित, निम्न आय वर्ग के लोग ही नहीं पढ़े-लिखे उच्च आय वर्ग के लोग भी आते हैं। लोगों के मानसिक आर्थिक और आध्यात्मिक शोषण एवं सामाजिक विकास में बाधक सिद्ध होता है अंधविश्वास। महाराष्ट्र में अंधविश्वास एवं कला जादू विरोधी कानून भी बनाया गया है। अंधविश्वास से मुक्ति के लिए उचित शिक्षा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में प्रयास अपेक्षित है। मानव मात्र के मानसिक उन्नयन एवं आध्यात्मिक उत्थान के लिए जगतगुरु भगवान शिव की शिष्यता ग्रहण करने हेतु उन्होंने लोगों से अपील की।



भागलपुर जिले से आए शिव शिष्य राम नारायण शर्मा ने इस कालखंड के प्रथम शिष्य साहब हरीन्द्रानन्द जी के द्वारा शिव शिष्य होने में सहायक तीन सूत्रों की विशद व्याख्या की। उन्होंने साहब श्री हरीन्द्रानन्द द्वारा लिखित पुस्तक “आओ, चलें शिव की ओर” एवं श्रीमती अनीता आनंद एवं पंकज जीत सिंह के द्वारा लिखित पुस्तक “अनमिल आखर” की अध्यात्म के क्षेत्र में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। स्थानीय शिव शिष्य सर्व सतीश, सरजू पासवान, मारकंडे, विजय नारायण सिंह, अशोक साह, रंजन प्रसाद, कृष्णा केशरी आदि ने शिव गुरु और उनकी शिष्यता के विषय पर अपने विचार रखें। स्थानीय गुरु भाई बहनों के शिव गुरु संबंधी भजन से पूरा परिवेश शिवमय हो गया। अनेक लोगों ने शिव को अपना गुरु मानकर अपने नाम की घोषणा करवाई। मंच संचालन अजय चौबे ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन गोपाल पासवान द्वारा किया गया।

