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ग्रामीण इतिहास कार्यशाला से जुड़े बुद्धिजीवियों के स्मृति कार्यक्रम का हुआ आयोजन

बक्सर के ग्रामीण क्षेत्र में इतिहास के अनेक स्रोत बिखरे पड़े है, उन्हें एकत्रित करना एक बड़ा कार्य है

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

मंगलवार को क्रिएटिव हिस्ट्री ट्रस्ट नै दिल्ली द्वारा शहर के अहिरौली गंगा घाट स्थित शिव मंदिर के समीप बक्सर स्कूल ऑफ हिस्ट्री के तत्वाधान में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष डॉ शशांक शेखर के संयोजन में एक शाम बक्सर क्षेत्र के ग्रामीण इतिहास कार्यशाला से जुड़े बुद्धिजीवियों की स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बक्सर का ग्रामीण क्षेत्र इतिहास की धरती है। क्रिएटिव हिस्ट्री की ग्रामीण इतिहास कार्यशाला के इस क्षेत्र के कई ऐसे बुद्धिजीवी जुड़े जो आज हमारे बीच नहीं है। कार्यक्रम में ये बातें  उभरकर सामने आयी। कार्यक्रम में भाग लेते हुए ग्रामीण बुद्धिजीवी फौजदार मांझी,  चर्चित लेखक देवेन्द्र चौबे, शिक्षाविद वैरागी प्रभास कुमार चतुर्वेदी, कृष्णनंद उपाध्याय, संस्कृति कर्मी श्रीकृष्णा चौबे, राजकुमार ठाकुर, ग्रामीण बुद्धिजीवी मधुसूदन चौबे, बहादुर मांझी, बुद्धिजीवी शिवाकांत मिश्रा, पत्रकार मृत्युंजय सिंह आदि वक्ताओं ने कहा कि बक्सर के ग्रामीण क्षेत्र में इतिहास के अनेक स्रोत बिखरे पड़े है। उन्हें एकत्रित करना एक बड़ा कार्य है।

 

दिवंगत साथी कुमार नयन, मोनाको देवी, पवन नंदन केसरी, अम्बिका दत्त त्रिपाठी व्यास, शिवशंकर प्रसाद जायसवाल, मौज़ी, विश्वनाथ प्रसाद शैदा, चन्द्रदेव मिश्रा, कृष्णनंद चौबे, प्रभाकर राय आदि ऐसी विभूति थे जिन्होंने ग्रामीण इतिहास को जीया। उनका होना बक्सर के इतिहास का ज़िंदा रहना भी था। “वक्ताओं का मानना था कि कवि कुमार नयन एक केंद्रीय कारक थे। ग्रामीण बुद्धिजीवी फौजदार मांझी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ग्रामीण इतिहास से जुड़े दिवंगत बुद्धिजीवियों की स्मृति में आयोजित सभा का समापन हुआ।

 

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